बाराबंकी: सर्जन डॉक्टरों की तैनाती और जांच की सुविधाओं ने बदली महिला अस्पताल की तस्वीर

सीएमएस की मेहनत लाई रंग, संभाली कमान तो चमका अस्पताल, एक साथ निभा रहे कई जिम्मेदारी

बाराबंकी: सर्जन डॉक्टरों की तैनाती और जांच की सुविधाओं ने बदली महिला अस्पताल की तस्वीर

बाराबंकी, अमृत विचार। जुलाई 2023 का महीना था जब जिला महिला अस्पताल में नये सीएमएस के रुप में डा. प्रदीप कुमार ने पदभार ग्रहण किया। यही से शुरू होती है जिला महिला अस्पताल के बदलाव और व्यवस्था परिवर्तन की पटकथा। प्राइवेट अस्पतालों के लिए दलाली करने वाली महिलाओं का पूरा संजाल को तोड़ने का काम सबसे पहले सीएमएस डा. प्रदीप कुमार ने किया। 

पदभार ग्रहण करने से पहले महिला अस्पताल में महज दो सर्जन ही तैनात थे। डा. प्रदीप कुमार के निजी प्रयास से अब अस्पताल में पांच सर्जन मौजूद हैं। साल भर पहले मरीजों की जांच के नाम पर पैथोलॉजी तो थी पर किट आधारित जांच हुआ करती थी, अब उच्चीकृत पैथालाजी बन चुकी है। यहां मशीनों से ब्लड की सारी जांचे होने लगी हैं। मरीजों के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सीएमएस का प्रयास रंग लाया और साल भर के भीतर महिला अस्पताल में थाइरॉइड की जांच होने लगी। मरीज को अब निजी पैथालाजी में जांच कराने के लिए मोटी रकम और समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं है। 

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मरीजों की सुविधा के लिए सभी वार्डों में एसी और कूलर लग गए यही नहीं वार्डों के साथ साथ इमरजेंसी वार्ड, अल्ट्रासाउंड कक्ष का सौन्दर्यीकरण भी हुआ। साल भर के अन्दर ही पुरानी महिला अस्पताल की बिल्डिंग में उच्चीकृत मेटरनिटी वार्ड का संचालन किया गया। सीएमएस डा. प्रदीप कुमार का कहना है कि जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के प्रयासों से जल्द ही महिला अस्पताल में मरीजों के लिए एक्स-रे सुविधा भी मुहैय्या कराई जायेगी। एक एनेस्थेसिया डॉक्टर की तैनाती कराने का प्रयास जारी है। 

मातहतों की जिम्मेदारी से बढ़ा कंधों का बोझ
साल भर पहले जुलाई में बतौर महिला अस्पताल में सीएएस का पद ग्रहण करते ही बदलाव की नई इबारत लिखने वाले डा. प्रदीप कुमार सीएमएस ही नहीं मातहत की भी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। यही कारण है कि उनके कन्धों का बोझ काफी बढ़ गया है। मेडिकोलीगल (पुरूष व महिला) रेडियोलांजी, सीएमओ मेडिकल बोर्ड, कोर्ट एवीडेन्स सहित महिला अस्पताल के सीएमएस की जिम्मेदारी है। सुबह से रात तक अनवरत मरीजों को लेकर फिक्रमंद डॉ. प्रदीप लोगों के बीच चर्चा में इस लिए भी बने रहते है कि उन्होंने साल भर में महिला अस्पताल को बहुत कुछ अपने निजी प्रयासों से दिया है।

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