चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने KP Sharma Oli, पीएम मोदी ने दी बधाई

चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने KP Sharma Oli, पीएम मोदी ने दी बधाई

काठमांडू। केपी शर्मा ओली ने सोमवार को चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और वह नयी गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे जो हिमालयी देश में राजनीतिक स्थिरता प्रदान करने की कठिन चुनौती का सामना करेगी। वहीं ओली के चौथी बार पीएम बनने पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है। पीएम मोदी ने लिखा, चौथी बार नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने पर केपी शर्मा ओली को बधाई। हम दोनों देशों के बीच मैत्री संबंध और मजबूत होगी, आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देश मिलकर काम करेंगे, हम इसकी उम्मीद करते हैं।

नेपाल की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता को रविवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने प्रधानमंत्री नियुक्त किया। ओली संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस (एनसी) तथा अन्य छोटे दलों के साथ गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे। ओली (72) पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ की जगह लेंगे जो शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाये।  कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनीफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष ओली को राष्ट्रपति भवन के मुख्य भवन शीतल निवास में पौडेल ने शपथ दिलाई।

शपथ ग्रहण समारोह आधे घंटे से अधिक देरी से शुरू हुआ। समाचार पोर्टल ‘माई रिपब्लिक’ के अनुसार, पार्टी के भीतर विवाद के चलते नेपाली कांग्रेस सरकार में शामिल होने के लिए अपने मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप देने में विफल रही जिसके कारण ही शपथ ग्रहण समारोह में देरी हुई। राष्ट्रपति ने दो उप प्रधानमंत्री, प्रकाश मान सिंह और बिष्णु पौडेल को भी शपथ दिलाई।

इसके अलावा 19 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। सिंह शहरी विकास मंत्रालय का कार्यभार भी संभालेंगे जबकि विष्णु प्रकाश पौडेल वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालेंगे। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा की पत्नी आरजू राणा देउबा कैबिनेट में विदेश मंत्री होंगी। सरकार में नेपाली कांग्रेस से 10 कैबिनेट मंत्री हैं। इसी तरह प्रधानमंत्री को छोड़कर, सीपीएन-यूएमएल से आठ, जनता समाजवादी पार्टी से दो और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी से एक मंत्री हैं।

समारोह में निवर्तमान प्रधानमंत्री प्रचंड, विदेशी राजनयिक और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए। इससे पहले रविवार को राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार राष्ट्रपति पौडेल ने नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76-2 के तहत ओली को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। शुक्रवार देर रात ओली ने नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया और प्रतिनिधि सभा के 165 सदस्यों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र सौंपा, जिस पर उनकी पार्टी से 77 तथा नेपाली कांग्रेस से 88 सदस्यों के दस्तखत थे। ओली को अब नियुक्ति के 30 दिनों के भीतर संसद से विश्वास मत हासिल करना होगा।

ओली को 275 सीट वाली प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 मतों की आवश्यकता होगी। प्रचंड को विश्वास मत का सामना करना पड़ा क्योंकि पिछले सप्ताह की शुरूआत में ओली की पार्टी ने उस गठबंधन से अपना समर्थन वापस ले लिया था और नई गठबंधन सरकार बनाने के लिए देउबा के साथ सात सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष प्रचंड शुक्रवार को शक्ति परीक्षण के दौरान विश्वासमत हासिल नहीं कर पाए थे।

पिछले हफ्ते की शुरुआत में, नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली ने नयी गठबंधन सरकार बनाने के लिए सात सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। देउबा और ओली के बीच एक जुलाई को हुए समझौते के अनुसार, दोनों दल 2027 में होने वाले अगले आम चुनाव तक बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करेंगे। यह चौथी बार है जब ओली ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। सबसे पहले ओली ने 11 अक्टूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।

इस दौरान नयी दिल्ली के साथ काठमांडू के संबंध तनावपूर्ण रहे। इसके बाद वह पांच फरवरी 2018 से 13 मई 2021 तक फिर प्रधानमंत्री रहे। इसके बाद वह तत्कालीन राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी की वजह से 13 मई 2021 से 13 जुलाई 2021 तक पद पर बने रहे। बाद में उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया कि ओली का प्रधानमंत्री पद पर बने रहना असंवैधानिक है। नेपाल को लगातार राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है और गणतंत्र प्रणाली लागू होने के बाद पिछले 16 वर्षों में देश ने 14 सरकारें देखी हैं। 

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