Unnao News: बारिश की आड़ में लोन में बहा रहे फैक्ट्रियों का जहर...उद्यमी व सीइटीपी स्टाफ मिलकर कर रहे मनमानी

प्रदूषण विभाग के जिम्मेदार नहीं कर रहे कार्रवाई

Unnao News: बारिश की आड़ में लोन में बहा रहे फैक्ट्रियों का जहर...उद्यमी व सीइटीपी स्टाफ मिलकर कर रहे मनमानी

उन्नाव, अमृत विचार। लोन नदी का पानी प्रदूषित पानी भूगर्भ में जहर भरने के साथ असपास के खेतों को बंजर कर रहा है। प्रदूषण की मुख्य वजह फैक्ट्रियों व औद्योगिक क्षेत्रों के नालों से इसमें मिलने वाला प्रदूषित पानी है। इसका नतीजा है कि लोन नदी का शुद्ध पानी अब गंदा व जहरीला हो चुका है। कामन इन्फ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीइटीपी) के जिम्मेदार अपनी खामियां छिपाने के लिए जेसीबी से नदी पर जमी जहरीले पानी की पर्त को जेसीबी से आगे बढ़वा देते हैं। जिससे हाईवे से निकलने वाले आमजन व अफसरों को यह दिखाई न दे। 

बता दें कि जिले के दही औद्योगिक क्षेत्र की साइड-1 व 2 में छोटी-बड़ी सैकड़ों फैक्ट्रियां संचालित हैं। यह फैक्ट्रिया ऐसी हैं जिनमें किसी न किसी रूप में रोजाना हजारों लीटर पानी का इस्तेमाल और उत्प्रवाह किया जाता है। इन फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी को शुद्ध करने के लिए दही क्षेत्र में ही सीइटीपी भी लगा है। लेकिन, सिर्फ कुछ ही टेनरियां व फैक्ट्रियां इससे जुड़ी हैं। 

अन्य फैक्ट्रियों व स्लाटर हाउसों के संचालकों के अनुसार, उनके यहां खुद के इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (इटीपी) लगे हैं। हालांकि, बड़ी मात्रा में उनका प्रदूषित पानी भी नालों के जरिए लोन नदी में गिराया जाता है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि यह फैक्ट्रियां दिन में तो कुछ समय इटीपी चलाने का काम करती हैं लेकिन, अन्य पानी को स्टोर पर रात में लोन नदी में ही टैंकरों से पहुंचा दिया जाता है। 

इसी क्रम में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। जिसमें हाईवे किनारे लोन नदी में फैक्ट्रियों, स्लाटर हाउसों व सीइटीपी द्वारा बहाया गया केमिकलयुक्त पानी की एक मोटी परत जम गई। अब इसे कोई अधिकारी या आमजन न देख ले इसके लिये जेसीबी से नदी में जमी परत को आगे की ओर बहाया जा रहा था। जब अमृत विचार के संवाददाता ने जेसीबी चालक से इस बारे में पूछा तो उसने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सीइटीपी अधिकारियों के निर्देश पर नदी में जमी केमिकलयुक्त पानी की परत को आगे बढ़ाया जा रहा है। 

बोले जिम्मेदार… 

सीइटीपी में तैनात कंसल्टेंट आशुतोष टंडन ने कहा कि प्लांट से ये सब कहां निकलता है। जेसीबी से नाले की सफाई करवाई जा रही होगी।

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