कासगंज: ऊबाड़-खाबड़ रास्तों से गुजरेंगे कांवड़िए, नगर पालिका ने दुरुस्त नहीं कराया मार्ग

कासगंज: ऊबाड़-खाबड़ रास्तों से गुजरेंगे कांवड़िए, नगर पालिका ने दुरुस्त नहीं कराया मार्ग
लहरा गांव से गंगाघाट तक कच्चे रास्ते में जगह जगह बने गड्डे।

कासगंज, अमृत विचार। कांवड़ मेला 22 जुलाई से शुरु होने जा रहा है। जिला प्रशासन कांवड़ियों की सुरक्षा को लेकर तैयारियों में जुटा हुआ है, लेकिन पालिका प्रशासन ने अभी तक कोई इंतजाम नहीं किए हैं। पालिका प्रशासन की अनदेखी से कांवड़ियों को तीन किलोमीटर ऊबाड़ खाबड़ रास्तों से गुजरना होगा। जिससे कांवड़ियों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ेगा।

श्रावण मास में देवों के देव देवाधिदेव महादेव पर कांवड़ चढ़ाने का विशेष महत्व है। कांवड़ भरने के लिए राजस्थान, मध्यप्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के शिव भक्त लहरा गंगा घाट पर कांवड़ भरने के लिए पहुंचेंगे। लहरा गांव से गंगाघाट तक सफर तीन किलोमीटर का कच्चा रास्ता है। जहां बारिश होने से जगह जगह जलभराव है। उन्हें इस बार भी ऊबाड़ खाबड़ रास्तों से गुजरना होगा।

वह मिट्टी और घास, पतेल के बीच में होकर गुजरने को मजबूर होंगे, जबकि जिला प्रशासन द्वारा कांवड़ियों को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए समय समय पर अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं, लेकिन सोरों नगर पालिका द्वारा अभी तक कोई रास्ता नहीं बनाया गया है और न ही कोई लाइट के बंदोबस्त किए गए हैं। ऐसे में बदहाल सड़कें भोले के भक्तों की परीक्षा लेंगी।

अफसोस की बात है कि अभी उनकी राह आसान करने के लिए कोई पहल नहीं हो सकी है। कच्चे रास्ते में जगह जगह बने गहरे गड्ढे शिवभक्तों की राह में रुकावटें पैदा कर सकते हैं। स्थानीय लोगों ने कांवड़ियों का रास्ता सुगम बनाने के लिए पालिका प्रशासन से ठीक कराने की मांग की है।

22 जुलाई से होगा कांवड़ मेले का शुभारंभ
सोरों तीर्थ नगरी में कांवड मेले का शुभारंभ 22 जुलाई से शुरु होकर 19 अगस्त तक चलेगा। एक माह तक चलने वाले मेले में लाखों की संख्या में भोले बाबा के भक्त पहुंचेंगे और कांवड़ में जलभर कर अपने अपने ईष्ट देव के लिए ले जाएंगे और शिवरात्रि के दिन जलाभिषेक करेंगे। कहा जाता है कि कांवड़ चढ़ाने से भोले बाबा प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मुरादें पूरी करते हैं। इसी कामना के साथ दूर दराज के भक्तों को जुटना 22 जुलाई से ही शुरू हो जाएगा।

कांवड़ पर महंगाई की मार
सोरों तीर्थ नगरी में विशाल कांवड़ मेला लगता है। जिसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। दुकानें सजने संवरने लगीं है। लोग यहां से कांवड़ खरीदकर सजायेंगे सवारेंगे फिर लहरा गंगा घाट पर पहुंच कर पूजा अर्चना के साथ कांवड़ उठायेंगे। फिर हर हर गंगे के जयकारों के साथ अपने गंतव्यों की ओर रवाना होंगे, लेकिन इस बार कांवड़ पर महंगाई की मार साफ झलक रही है। फिर भी महंगाई के बीच कांवड़ कारोबारी कांवड़ बनाने में जुटे हुए हैं।

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एक माह तक चलने वाले मेले को लेकर कांवड़ तैयार करते कारीगर।

 

कांवड़ मेला शुरू होने से पहले ही रास्ते को सही कराया जाएगा। कांवड़ियों को किसी भी तरह की परेशानी न हो उसका ध्यान रखा जा रहा है। खम्बों को पर विद्युत लाइट लगाई जाएगी। गड्ढों में मिट्टी डलवा कर रास्ता बनाया जाएगा। -रामेश्वर दयाल महेरे, चेयरमैन, नगर पालिका

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