कासगंज: कछला ब्रिज पर पानी के गेज में आयी 45 सेंटीमीटर की कमी
कछला ब्रिज पर घटते पानी के गेज से कम हुई सिंचाई विभाग की चिंता

कासगंज, अमृत विचार। बीते दो दिनों में बैराजों से गंगा नदी में पानी छोड़े जाने में निरंतर कमा आई है। जिसके चलते कछला ब्रिज पर पानी के गेज में 45 सेंटीमीटर कमी आ गयी है। यह कमी बाढ़ आशंकित गांवों के लिए अच्छा संकेत है, लेकिन कटान का खतरा बरकरार बना हुआ है। जिला प्रशासन गंगा के जलस्तर पर निरंतर नजर बनाए हुए हैं। वहीं रोजगार सेवक, सचिव और लेखपाल संभावित गांवों में प्रवास कर रहे हैं।
मंगलवार तक गंगा नदी में बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से दबाव बढ़ रहा था। गंगा के कछला गेज पर भी जलस्तर बढ़कर 163.40 मीटर जा पहुंचा था। बीते दो दिनों में बैराजों से पानी का डिस्चार्ज निरंतर कम हो रहा है। जिससे कछला गंगा नदी पर भी पानी का दबाव कम हुआ है।
गुरुवार को कछला ब्रिज पर पानी का गेज घटकर 162.45 सेंटमीटर रह गया। जलस्तर में 45 सेंटमीटर की गिरावट आयी है। गंगा के घटते जलस्तर और कम होते पानी के दबाव ने भले ही संभावित बाढ़ की आशंका को कम कर दिया, लेकिन कटान संभावना बनी हुई है।
जिला प्रशासन गंगा के जलस्तर पर निरंतर नजरें बनाए हुए है। जिला मुख्यालय पर बनाए गए कंट्रोल रूम पर प्रत्येक 4 घंटों में जलस्तर की जानकारी ली जा रही है। डीएम मेधा रूपम के निर्देश पर सिंचाई विभाग के अधिकारी भी कैंपिंग कर रहे हैं। डीएम द्वारा रोजगार सेवकों, ग्राम पंचायत सचिवों और लेखपालों की ड्यूटियां लगाई गई है जो अपने अपने ग्राम पंचायतों में प्रवास कर रहे हैं।
गुरुवार को बैराजों से पानी का डिस्चार्ज
- हरिद्वार बैराज : 37617 क्यूसेक
- बिजनौर बैराज : 35516क्यूसेक
- नरौरा बैराज : 2560 क्यूसेक
- कछला ब्रिज पर पानी का गेज : 162.45 मीटर
बरोना पर सिंचाई विभाग ने बनाए नए स्टंड
बीते दिनों गंगा नदी में बढ़े पानी के दबाव के चलते गंगा नदी पर गांव बरोना के निकट बनाए गए बांध की जियो ट्यूब पानी में समा गए थे। जिससे गंगा की बाढ़ का पानी गांव बरोना की फसली भूमि से होकर आबादी तक दस्तक दे चुका था। बिगड़ते हालात से ग्रामीणों की नींद उड़ गई थी तो सिंचाई विभाग की चिंता बढ़ गई थी।
बुधवार को मंडलायुक्त चैत्रा.बी और आईजी शलभ माथुर ने बरोना गांव एवं बाढ़ नियंत्रण की तैयारियों का निरीक्षण किया था। मंडलायुक्त ने बरोना पर सिंचाई विभाग द्वारा बनाए जा रहे स्टंड को शीघ्र पूरा करन के निर्देश दिए थे। सिंचाई विभाग ने रात दिन के प्रयास के बाद बरोना पर स्टंड बना दिए हैं। जिससे बाढ़ नियंत्रण की उम्मीद जगी है।
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