ऑनलाइन उपस्थिति धड़ाम, दूसरे दिन भी शिक्षकों ने नहीं दी अटेंडेंस

ऑनलाइन उपस्थिति धड़ाम, दूसरे दिन भी शिक्षकों ने नहीं दी अटेंडेंस

लखनऊ, अमृत विचार:  शिक्षकों ने दूसरे दिन भी ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध जारी रखा। शिक्षकों ने विद्यालय पहुंचकर रजिस्टर में ही उपस्थिति दर्ज की। शिक्षकों का कहना है कि जब तक सरकार आदेश अपना वापस नहीं लेती है तब तक यह विरोध जारी रहेगा। राजधानी में बेसिक शिक्षा अधिकारी राम प्रवेश ने बताया कि पहले दिन 5 प्रतिशत शिक्षक ने ऑनलाइन उपस्थिति दी लेकिन दूसरे दिन इसका आंकड़ा दो प्रतिशत रहा। प्रदेश भर में ऑनलाइन उपस्थिति देने वाले शिक्षकों की संख्या 10 हजार के करीब है। बता दें कि बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित परिषदीय विद्यालयों के लिए निर्धारित 12 पंजिकाओं के डिजिटलाइजेशन कराने का निर्णय लिया गया है। टाइम एंड मोशन स्टडी के संबंध में जारी शासनादेश के तहत पंजिकाओं में से शिक्षक डायरी को छोड़कर पूर्व में समेकित की गयी आय-व्ययक पंजिका एवं चेक इश्यू पंजिका 12 पंजिकाओं का रियल टाइम उपयोग करने के उद्देश्य से डिजिटाइजेशन किया गया है। जिसमें शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध लगातार कर रहे हैं।

12 पंजिकाएं ऑनलाइन 
पंजिकाओं के सरलीकरण और टेक्नोलॉजी आधारित डिजिटल माध्यम से किये जाने के लिए प्रेरणा पोर्टल पर डिजिटल रजिस्टर्स नाम से नया मॉड्यूल विकसित किया गया है। वर्तमान में उपयोग की जा रही भौतिक पंजिकाओं के अनुरूप ही पंजिकाओं का डिजिटल प्रारूप तैयार किया गया है। जिसकी सभी प्रविष्टियां डिजिटल प्लेटफार्म पर अंकित की जायेंगी।

शिक्षा महानिदेशक ने जारी किया संदेश
रियल टाइम उपस्थिति के विरोध में शिक्षकों के रवैये को देखते हुए शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने मंगलवार को कहा कि स्कूली बच्चे, उनका कल्याण और उनका विकास स्कूल प्रणाली में किसी भी अन्य चीज़ की तुलना में पहली प्राथमिकता है। यदि कोई शिक्षक एक या दो घंटे देरी से स्कूल आता है, तो कक्षा के दो पीरियड बर्बाद हो जाते हैं। इसलिए शिक्षक उपस्थिति को मजबूत करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। महानिदेशक ने कहा आधे घंटे का ग्रेस टाइम भी दिया गया है, जो स्कूल में एक कक्षा के लिए लगभग एक पीरियड के बराबर है।

जब तक विभाग शिक्षक हित मे कोई ठोस निर्णय नहीं ले लेता हैं। तब तक यह विरोध जारी रहेगा। कल अन्य संगठनों के साथ मिलकर अधिकतर जिलों में प्रदर्शन किया। विभाग को जल्द से जल्द निर्णय लेना होगा, जिससे शिक्षको के साथ हो रही दुर्घटनाओं से बचाया जा सके।
विनय कुमार सिंह, प्रान्तीय अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन

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