मध्यप्रदेश में अगले साल से यूनानी महाविद्यालयों में भी होगी हिंदी में पढ़ाई

मध्यप्रदेश में अगले साल से यूनानी महाविद्यालयों में भी होगी हिंदी में पढ़ाई

भोपाल। मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार ने आज विधानसभा में कहा कि राज्य में अगले साल से यूनानी चिकित्सा महाविद्यालयों में भी हिंदी में पढ़ाई कराई जाएगी। परमार ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक सीतासरन शर्मा के ध्यानाकर्षण की सूचना पर अपना उत्तर देते हुए ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से यूनानी महाविद्यालयों में हिंदी में पढ़ाई करवाई जाएगी और इसके लिए अभी हिंदी में किताबें तैयार करवाई जा रही हैं।

साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उच्च शिक्षा में क्रियान्वयन के लिए जिस प्रकार समिति बनाई गई है, उसी प्रकार की समिति यूनानी और आयुर्वेद के लिए भी बनवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इन महाविद्यालयों में नीट की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थी आते हैं, जिनकी पहली प्राथमिकता एमबीबीएस होती है, ऐसे में यूनानी पाठ्यक्रम उनकी आखिरी वरीयता होती है। इसके अतिरिक्त समाज में आम धारणा है कि यूनानी की पढ़ाई उर्दू में होती है, इसलिए भी हिंदी वाले इसे नहीं चुनते।

अपने उत्तर के दौरान मंत्री परमार ने स्वीकार किया कि पिछले तीन साल में राज्य के यूनानी महाविद्यालयों में अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) के एक भी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में एससी-एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के परीक्षार्थियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था है, इनमें से ओबीसी कोटे में तो प्रवेश हो जाते हैं, लेकिन एससी-एसटी की सीटों पर प्रवेश नहीं होते। मध्यप्रदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई पहले से ही हिंदी में हो रही है। मध्यप्रदेश ये पहल करने वाला देश का पहला राज्य है। 

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