कासगंज: बारिश में कमजोर दिखे बाढ़ के काम, कहीं कर न दें प्रयास नाकाम

कासगंज, अमृत विचार: पहाड़ों पर आफत बरस रही है। हरिद्वार में पानी ने तबाही मचा दी है। वहां अचानक बाढ़ आ गई है। हरिद्वार का पानी बिजनौर और नरोरा होते हुए सीधे कासगंज की गंगा नदी में पहुंचता है। आने वाले समय में यहां भी आफत बढ़ सकती है। इसको लेकर सिंचाई विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है और पल-पल कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। वहीं बाढ़ रोकने के लिए किए गए कार्य बारिश में कमजोर दिखाई दे रहे हैं।
उत्तरी क्षेत्र में मानसून की दस्तक शुरू हो गई है। लगातार वर्षा होने के कारण गंगा में जलस्तर बढ़ रहा है। हारिद्वार, बिजनौर और नरौरा बैराजों से गंगा में पानी छोड़ा जा रहा है। सिंचाई विभाग ने बाढ़ की संभावना को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं। हांलांकि, अभी यहां गंगा शांत है। कछला ब्रिज पर गंगा का गेज सामान्य बना हुआ है। जिले के गांव इसमाइलपुर से लेकर कादरगंज तक फैली गंगा की धारा में अभी रौद्रता नहीं हुई है। रविवार की शाम छह बजे बिजनौर से पानी छोड़ा गया है। यह पानी मंगलवार तक यहां पहुंचेगा। इससे गंगा का जलस्तर बढ़ जाएगा।
हरिद्वार से कछला तक लगते हैं 62 घंटे
पूर्वी उत्तर क्षेत्र एवं पहाड़ों पर मानसून की स्थिति बन चुकी है। वर्षा हो रही है। ऐसे में गंगा में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। हरिद्वार से कछला तक पानी का बहाव पहुंचने में 62 घंटे का समय लगता है। जबकि बिजनौर से पानी छोड़े जाने पर 46 घंटे और नरौरा से पानी छोड़े जाने पर कछला तक पानी पहुंचने में 11 घंटे का समय लगता है।
पहली ही बारिश से धुल गई बांध की मिट्टी
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने तराई क्षेत्र के कई गांव में व्यवस्था देखी। प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने कहा कि जो मिट्टी के बांध तैयार किए गए हैं। वह पहली ही बारिश के बाद पानी में घुलते जा रहे हैं। मिट्टी कट रही है। जब बाढ़ आएगी तो तबाही मचना तय है।
कासगंज जिले की गंगा नदी में कोई भी खतरा नहीं है और पानी नहीं आया है। पानी बेहद कम है। फिर भी कड़ी निगरानी कर रहे हैं। पहाड़ों पर हो रही बारिश को लेकर सतर्कता है- संजय शर्मा, सहायक अभियंता सिंचाई विभाग
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