पहलगाम आतंकी हमला: सड़क पर उतरे डॉक्टर, नर्स और कर्मचारी, कहा- आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में हम सरकार के साथ
लखनऊ, अमृत विचार। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से देशभर के नागरिक दुखी और नाराज हैं। आतंक के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। लोग सड़कों पर उतरकर पीड़ितों को न्याय दिलाने और आतंक के खात्मे की मांग कर रहे हैं।
पहलगाम में आतंकियों की कायराना हरकत से कई पर्यटकों की जान चली गई, जिससे आम लोगों में दुख और गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। उसी दुख और गुस्से को जाहिर करने के लिए राजधानी लखनऊ में भी पैदल मार्च और प्रदर्शन का दौर जारी है।
गुरुवार को केजीएमयू टीचर एसोसिएशन के समर्थन में नर्सेस एसोसिएशन और कर्मचारी संगठन भी उतर आए और सड़क पर उतरकर पीड़ितों को न्याय दिलाने और आतंक के खात्मे की मांग की।

दरअसल, कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा की गई आम लोगों की नृशंस हत्या के विरोध में केजीएमयू टीचर एसोसिएशन ने आज शांति मार्च निकाला। जिसमें केजीएमयू नर्सेस एसोसिएशन और कर्मचारी संघ के सैकड़ों लोगों ने भी हिस्सा लिया। यह शांति मार्च केजीएमयू स्थित कुलपति कार्यालय से लेकर शहीद स्मारक तक निकाला गया। जिसमें करीब 1 हजार लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें डॉक्टर, नर्स और कर्मचारी शामिल हुए।
इस शांति मार्च का नेतृत्व स्वयं कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने किया। कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने कहा है कि इस आतंकवादी हमले में निर्दोष भारतीयों की मौत पर पूरा केजीएमयू परिवार शोक व्यक्त करता है, दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी संवेदना है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में हम प्रधानमंत्री जी, भारत सरकार और पूरे देश के साथ खड़े हैं। वहीं प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा है कि मानवता के हत्यारों की सोच के अनुसार ऐसे जघन्य कृत्य हमें हिंदू और मुसलमान में नहीं बांट सकते। हम सब गंगा जमुनी तहजीब के हिस्से के रूप में एकजुट हैं।
केजीएमयू नर्सेस एसोसिएशन की तरफ से कहा गया है कि आतंकवादियों द्वारा की गई कायराना हरकत की भर्त्सना और निंदा करते हैं, संरक्षक प्रदीप गंगवार ने कहा कि हम सभी सरकार के साथ हैं, सरकार इस मामले में सख्त कदम उठाए, यही हमारी मांग है। महामंत्री जितेंद्र उपाध्याय ने कहा है कि जिस तरह आतंकियों ने धार्मिक पहचान पूछकर लोगों को मारा है, भारत का हर नागरिक इसको लेकर आक्रोशित है, हमारी मांग है कि आतंकियों के खिलाफ सरकार सख्त से सख्त कदम उठाए जो आने वाले समय के लिए एक उदाहरण बन सके।
साथ ही शहीद स्मारक पहुंचकर सभा को डा. के.के. सिंह, डा. विजय कुमार, डा. हैदर अब्बास, डा. ईशा जफा, डा. भास्कर अग्रवाल और विकास सिंह ने भी संबोधित किया, जिसमें सभी ने आतंकियों की कायराना हरकत की निंदा करते हुए सरकार से आतंकवाद से मजबूती से लड़ने और पाकिस्तान को सबक सिखाने का अनुरोध किया, जिससे भविष्य में ऐसे मासूम लोगों की जान न जाए। देश की एकता व अखंडता पर कोई दुश्मन आंख उठाकर देखने की हिम्मत न कर सके और किसी भी गद्दार को न बख्शा जाए। सभा को संबोधन के बाद उपस्थित सभी लोगों ने आतंकवादी हमले में मृतकों को श्रद्धांजलि दी और दो मिनट का मौन रखा।
इस शांतिपूर्ण मार्च का संचालन केजीएमयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. के.के. सिंह द्वारा शिक्षकों, छात्रों व अन्य कर्मचारियों की भावनाओं को देखकर किया गया। मार्च में शिक्षक संघ के महासचिव डा. संतोष कुमार, डा. आशीष कुमार, डा. अनित परिहार, डा. अविनाश अग्रवाल, डा. बी.के. ओझा, डा. आशीष कुमार, डा. क्षितिज श्रीवास्तव, डा. पवित्र रस्तोगी, डा. सुहैल, डा. अमरीश कुमार, डा. यू.एस. पाल, डा. विश्वजीत सिंह, आर.डी.ए. के अध्यक्ष डा. दिव्यांश सिंह और डा. ओझा, कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष विकास सिंह, महामंत्री अनिल कुमार, नर्सिंग एसोसिएशन की यदुनंदनी द्वारा अपने संगठन के लोगों के साथ लगभग एक हजार की संख्या में शहीद स्मारक तक मार्च में शामिल रहे।
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