डीएनए जांच से होगी पिता की पहचान, दुष्कर्म पीड़िता ने तीन के विरुद्ध दर्ज कराया केस
दुष्कर्म पीड़िता द्वारा जन्म दिए गए बेटी के पिता की पहचान के लिए पयागपुर के पुलिस क्षेत्राधिकारी ने सीएमओ को पत्र लिखकर डीएनए जांच कराने की बात है। डीएनए जांच के बाद ही जन्म लेने वाली नवजात के पिता की पहचान हो सकती है। इसके लिए बेटी और जेल में निरुद्ध अभियुक्तों का डीएनए जांच होगा।
(राजू जायसवाल) बहराइच, अमृत विचारः पयागपुर थाना क्षेत्र निवासी नाबालिक दुष्कर्म पीड़िता ने 6 दिन पूर्व जिला अस्पताल में बेटी को जन्म दिया था। नाबालिक तथा उसके माता-पिता द्वारा बेटी के पालन पोषण में असमर्थता जताने तथा उसे परित्याग करने का पत्र सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष सतीश श्रीवास्तव को दिया गया था। जिस पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष के निर्देश पर वन स्टाफ केंद्र की प्रबंधक रचना कटियार और उनकी टीम ने 5 दिन के नवजात बालिका को लखनऊ स्थित बाल शिशु गृह में भेज दिया गया है। वहीं पुलिस भी असमंजस में पड़ गई है। नाबालिक दुष्कर्म पीड़िता ने तीन लोगों के विरुद्ध केस दर्ज कराया है, लेकिन नवजात बेटी किसकी है और क्या तीनों ने दुष्कर्म किया है, इसके लिए पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी हीरा लाल कनौजिया ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजेश कुमार गौतम को पत्र लिखकर डीएनए जांच करवाने की बात कही है। सीओ का कहना है कि डीएनए जांच से जहां नवजात बेटी के पिता के बारे में पता चल जायेगा। इसके लिए तीनों नामजद अभियुक्तों के साथ बेटी का डीएनए जांच किया जायेगा।
पयागपुर के सीओ हीरालाल कनौजिया का पत्र डीएनए जांच के लिए आया है। ऐसे में जेल में बंद आरोपियों और नवजात बेटी का डीएनए जांच करवाया जायेगा। जिससे कि बेटी के पिता और मुख्य आरोपी का पता चल सके।
डॉ. राजेश कुमार गौतम, सीएमओ