Unnao News: जुलाई में खूब बजेंगी शहनाई, फिर चार माह रहेगा सूखा...सिर्फ 7 दिन ही लगन विवाह के है शुभ मुहूर्त

जुलाई में भी सिर्फ 7 दिन ही लगन विवाह शुभ मुहूर्त

Unnao News: जुलाई में खूब बजेंगी शहनाई, फिर चार माह रहेगा सूखा...सिर्फ 7 दिन ही लगन विवाह के है शुभ मुहूर्त

उन्नाव, अमृत विचार। जून माह तक वैवाहिक लगन विराम के बाद शादी के लिए इंतजार कर रहें, वैवाहिक जोड़ों के लिए आने वाले जुलाई माह में 15 दिन में सिर्फ 7 दिन ही लगन विवाह शुभ मुहूर्त है। इसके बाद लगभग 4 माह विवाह करने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। लगन कम होने से लोग अपने बेटे व बेटियों की शादी की तारीख को लेकर परेशान हैं। दिक्कत सिर्फ बैंडबाजा, मैरिज हॉल की ही नहीं है, बल्कि पुरोहितों का भी संकट है। ऐसे में एक पुरोहित कई मंडपों में मंत्र पढ़ते नजर आएंगे।

वैवाहिक जीवन के लिए जरूरी सौभाग्य सुख और सौंदर्य प्रदान करने वाले गुरु और शुक्र ग्रह अस्त होने के कारण जून माह के अंतिम तक विवाह के लिए कोई शुद्ध शुभ मुहूर्त नहीं था। 5 जुलाई को शुक्र और 3 जून को ही उदय हो गया था। इस दोनों ग्रहों का विवाह के लिए विशेष महत्व हैं। ज्योतिष व आचार्यों की मानें तो शुक्र ग्रह व्यक्ति को सुदंरता व अन्य भौतिक सुख प्रदान करता हैं।

इसके अलावा गुरु ग्रह जीवन में नैतिकता धन, मूल्य और धर्म का कारक हैं। आचार्य देवी प्रकाश द्विवेदी के मुताबिक 9 जुलाई से लेकर 15 तारीख के बीच विवाह की लगन है। जिसमें शादी हो सकती हैं। जिसके बाद 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी और चतुर्मास का संजोग होने के कारण शुभ विवाह मुहूर्त न होने से शादियां होना बंद हो जायेगी। एक सप्ताह के इस लगन में अभिभावकों की चिंता भी स्वाभाविक है।

एक तरफ जहां एक ही तिथि पर कई रिश्तेदारों के यहां भी शादी तय हो गई है, वहीं पुरोहित भी शादी के लिए नहीं मिल रहे। मंडप और गाड़ी से अधिक किल्लत पंडित की है। पुरोहित चंद्र प्रकाश पांडेय ने बताया कि 9 जुलाई को दिन और रात दोनों समय विवाह के मुहूर्त है। 10 को सिर्फ दिन में मुहूर्त व 11 को दिन और रात दोनों समय मुहूर्त है। 

12 जुलाई को भी दिन और रात दोनों समय लगन है। 13 को सिर्फ दिन में व 14 जुलाई को सिर्फ रात में तथा 15 जुलाई को दिन और रात दोनों समय लगन है। पुरोहित ने यह भी बताया कि जुलाई में सात दिन ही लगन होने से ज्यादा शादियां इन दिनों में होंगी। जिससे पुरोहितों की कमी होना स्वाभाविक है।  

विवाह में भगवान का आशीर्वाद नहीं मिलता 

चतुर्मास में विवाह करने से भगवान का आशीर्वाद नही मिल पाता हैं। इस समय भगवान नारायण योग निद्रा में रहते हैं। और इस लिए शुभ कार्यो में भाग नहीं ले पाते हैं। साधु- संत भी एक ही स्थान पर रहकर पूजा पाठ करते हैं। क्योंकि यह समय सबसे अच्छा अच्छा माना जाता हैं। यात्रा कम करते हैं, इसी  महीनों से मानो त्योहारों की शुरुआत हो जाती हैं। जिसमें भाई बहन का त्यौहार राखी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, अनंत चतुर्दशी, हरितालिका तीज, श्राद्ध पक्ष, नवरात्रि, दशहरा, दिवाली आदि मनाया जाता हैं।

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