बरेली: कोई और आसरा नहीं इसलिए नहीं जाना चाहते अनाथालय से मगर प्रबंधन कर रहा है प्रताड़ित

बयान लेने पहुंचीं बाल संरक्षण अधिकारी के सामने लड़कियों ने बताई अपनी मजबूरी

बरेली: कोई और आसरा नहीं इसलिए नहीं जाना चाहते अनाथालय से मगर प्रबंधन कर रहा है प्रताड़ित

बरेली, अमृत विचार। आर्य समाज अनाथालय को उसकी नियमावली के विरुद्ध बंद करने और यहां रह रही लड़कियों को जबरन निकालने के मामले में जांच शुरू हो गई है। बृहस्पतिवार को बाल संरक्षण अधिकारी संध्या जायसवाल ने अनाथालय पहुंचकर उन तीनों लड़कियों के बयान दर्ज किए जिन्हें प्रबंध कमेटी ने 30 जून तक निकलने का अल्टीमेटम दिया है। लड़कियों ने अपने बयान में प्रबंध कमेटी पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के साथ दबाव डालकर उनसे एग्रीमेंट कराने का आरोप लगाया है।

अनाथालय से तमाम लड़कियों को निकाला जा चुका है और अब वहां तीन लड़कियां ही बची हैं। डीएम रविंद्र कुमार के आदेश पर जांच शुरू होने से बेआसरा होने की आशंका से घबराई इन लड़कियों में कुछ उम्मीद जगी है। बृहस्पतिवार को बयान लेने पहुंची बाल संरक्षण अधिकारी को लड़कियों ने बताया कि उनकी सुरक्षा और जीवनयापन का कोई और जरिया नहीं है, इसलिए वे अनाथालय से नहीं जाना चाहतीं, लेकिन प्रधान ओमकार आर्य और मंत्री विनय सक्सेना उन पर लगातार अनाथालय छोड़ने का दबाव बना रहे हैं। कुछ समय पहले उन्होंने खुद एक एग्रीमेंट का प्रारूप तैयार कर उनसे जबरन उस पर हस्ताक्षर करा लिए हैं। पहले भी उन्हें कई बार अनाथालय खाली करने का नोटिस दिया जा चुका है।

लड़कियों ने अपने बयान में यह भी कहा कि आत्मनिर्भर और सक्षम होने तक वे यहां से नहीं जाना चाहतीं, लेकिन प्रबंध कमेटी के पदाधिकारी उन पर लगातार दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बाल संरक्षण अधिकारी ने तीनों लड़कियों से उनके आधार कार्ड, उन्हें दिए गए नोटिस के साथ उनकी फोटो भी ली है।

जांच के साथ सलाह, तुम लोग शादी करो या कहीं जॉब ढूंढो
जांच करने पहुंचीं बाल संरक्षण अधिकारी ने लड़कियों को सलाह दी कि वे लोग शादी करें और कहीं जाॅब ढूंढें। बोलीं, संस्था के लोग निकाल ही रहे हैं तो हम भी कुछ नहीं कह सकते। प्रबंध समिति ने तो पहले ही नोटिस भी दे रखा है और तुम लोगों ने एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर भी किए हैं।

आर्य समाज अनाथालय में जांच करने गई थी। जांच रिपोर्ट डीपीओ को सौंपी जाएगी। इस संबंध में बाकी जानकारी डीपीओ ही दे पाएंगी- संध्या जायसवाल, बाल संरक्षण अधिकारी

प्रधान के खिलाफ बच्ची से छेड़खानी का फिर खुल सकता है केस
अनाथालय के प्रधान ओमकार आर्य के खिलाफ आठ साल की बच्ची से छेड़खानी करने के मामले में दोबारा विवेचना हो सकती है। किला निवासी अवधेश चंद्र मांगलिक की ओर से इस बारे में मुख्यमंत्री को पत्र लिखने और आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के बाद शासन ने डीएम को इस पर कार्रवाई का आदेश दिया है। आरोप है कि अनाथालय के प्रधान को बच्ची से छेड़खानी के मामले में 14 अक्टूबर 2023 को रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था लेकिन कमजोर विवेचना और पैरवी की वजह से 20 दिन में ही उसे जमानत मिल गई थी।

फिर अफसरों से मिले ट्रेड यूनियन पदाधिकारी कहा- न छिनने दें अनाथ बच्चों का आसरा
बरेली ट्रेड यूनियन फेडरेशन के पांच सदस्यीय शिष्टमंडल ने बृहस्पतिवार को फिर एडीएम सिटी और सिटी मजिस्ट्रेट से मिलकर आर्य समाज अनाथालय बंद न होने देने की मांग की और उन्हें इस संबंध में कई साक्ष्य भी सौंपे। पदाधिकारियों ने बताया कि प्रशासन से सामाजिक सरोकार के तहत जनहित में अनाथालय को बंद न करने और पहले की तरह संचालित कराने की मांग की है।

शिष्टमंडल की अगुवाई कर रहे महामंत्री संजीव मेहरोत्रा ने कहा कि अनाथालय जिले की धरोहर तो है ही, बेसहारा और अनाथ बच्चों का सबसे पुराना आश्रय भी है। इसे बंद करना अनाथ बच्चों के साथ समाज के लिए भी उचित नहीं होगा। उन्होंने बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट ने उनकी मांग को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस मामले की जांच एडीएम प्रशासन को दी गई है। एडीएम प्रशासन ने भी जनहित में इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। शिष्टमंडल में मुकेश सक्सेना, जितेंद्र मिश्र, ललित, राजेश तिवारी भी शामिल थे।

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