बाराबंकीः सांड़ों का खत्म होगा आतंक, पैदा की जा रही बछिया

सेक्स सॉर्टेड सीमन से बछिया पैदा करने में सफलता मिल रही है। पिछले वर्ष पशुपालन विभाग को 22,450 गायाें के गर्भाधान करने का लक्ष्य मिला था।
बाराबंकी, अमृत विचार: छुट्टा पशुओं की दिक्कत दूर करने के लिए सरकार अब सेक्स सॉर्टेड सीमन से कृत्रिम गर्भाधान कराने पर जोर दे रही है। इससे सिर्फ बछिया पैदा होती हैं। बीते एक साल में जिले में 22,450 गायों के गर्भाधान का लक्ष्य था। जिसे पूरा करने का दावा पशुपालन विभाग द्वारा किया जा रहा है। यही नहीं उनके मवेशी को सीमन लगाने के लिए बाजार मूल्य से कम धनराशि ली जा रही है। सीमन लगाने के बाद 90 फीसदी गायों को बछिया पैदा हो रही हैं।
पशुपालकों को किया जा रहा जागरुक
छुट्टा पशुओं में सर्वाधिक सांड़ हैं। इससे समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार अधिक से अधिक बछिया पैदा करवाने पर जोर दे रही है। यह सेक्स सॉर्टेड सीमन से संभव है। इसके लिए पशु चिकित्सक गांव-गांव जाकर पशुपालकों को जागरुक कर रहे हैं। सेक्स सॉर्टेड सीमन की डोज बिकने से विभाग को अच्छी खासी धनराशि भी प्राप्त हुई है। सरकार द्वारा अपने मवेशी को सीमन लगवाने के प्रति राजी होने पर 100 रुपये लिए जा रहे हैं। जबकि सीमेन की कीमत करीब 300 रुपये से अधिक है। सीमेन के जरिए सिर्फ बछिया ही पैदा होने से सांड़ों की पैदावार से हमेशा के लिए निजात मिलेगी। वहीं धीरे-धीरे इनकी संख्या में कमी आएगी। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ. अतुल कुमार अवस्थी ने बताया कि सेक्स सॉर्टेड सीमन की कीमत 300 रुपये है, लेकिन सरकार इसे पशुपालकों को 100 रुपये में उपलब्ध करा रही है। इससे गर्भाधान कराने पर बछिया पैदा होने की संभावना रहती है। इससे पशुपालकों को भी फायदा होता है। गायों की संख्या बढ़ने से दूध का संकट कम होगा। छुट्टा पशुओं की समस्या भी कम हो जाएगी। उन्हाेंने आगे बताया कि बीते साल अप्रैल से यह अभियान शुरु हुआ था। गर्भाधान के नौ माह बाद गायों का प्रसव होता है। वर्ष 2024 शुरुआती तीन माह में बछिया पैदा हो चुकी हैं। इनका आंकड़ा एकत्र किया जा रहा है। चुनाव के चलते विभागीय कार्य में रुकावट आई थी। विभागीय योजनाओं के साथ लक्ष्य की समीक्षा की जा रही है.
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