विजय गुप्ता हत्याकांड : प्रशासनिक अधिकारी समेत छह हत्यारों को उम्रकैद

कोतवाली नगर के साहबगंज में पान खाकर थूकने पर हुआ था विवाद

विजय गुप्ता हत्याकांड : प्रशासनिक अधिकारी समेत छह हत्यारों को उम्रकैद

अयोध्या, अमृत विचार । शहर के बहुचर्चित विजय कुमार गुप्ता हत्याकांड में कलेक्ट्रेट के प्रशासनिक अधिकारी रामकृष्ण तिवारी समेत छह हत्यारों को कोर्ट ने आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई है। प्रत्येक पर 96 हजार जुर्माना भी हुआ है। जुर्माने की रकम में से 80 फीसदी वादी मुकदमा को प्रतिकर के तौर पर देने का आदेश हुआ है। यह फैसला सोमवार को विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर कोर्ट के जज मोहिंदर कुमार की अदालत से हुआ।

 गिरोह बंद अधिनियम के विशेष लोक अभियोजक विकास शुक्ला और जितेंद्र तिवारी ने बताया कि वारदात 25 अप्रैल 2000 की है। कोतवाली नगर के साहबगंज मोहल्ला निवासी श्यामसुंदर गुप्ता के भतीजे विश्वनाथ और गगन उर्फ गोगा श्रीवास्तव के बीच पान खाकर थूकने के मामले को लेकर विवाद हो गया। गोगा ने यह बात जाकर अपने घर बताई। वहां से श्री कृष्ण तिवारी, रामकृष्ण तिवारी जो अब कलेक्ट्रेट में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं, राजन उर्फ हरि कृष्ण तिवारी, गगन उर्फ गोगा श्रीवास्तव, साजिद व अजय कुमार द्विवेदी असलहा व तलवार से लैस होकर घटनास्थल पर पहुंचे।

लाइसेंसी बंदूक और तमंचे से ताबड़तोड़ फायरिंग करके श्याम सुंदर के पुत्र विजय गुप्ता और उनके पिता अयोध्या कुमार गुप्ता को घायल कर दिया। परिजनों ने घायल अवस्था में दोनों को जिला चिकित्सालय पहुंचाया। जहां विजय कुमार को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया जबकि अयोध्या का कई दिन तक इलाज चला।
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने मामले में गिरोह बंद अधिनियम के तहत कार्रवाई भी सभी आरोपियों पर की थी।

इसकी रिपोर्ट मृतक के पिता ने सभी के खिलाफ जानलेवा हमला, हत्या ,जान से मारने की धमकी देने समेत अन्य धाराओं में लिखाई थी। विवेचना के बाद पुलिस ने सभी धाराओं में आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी छह आरोपियों को जानलेवा हमला, हत्या व गैंगस्टर अधिनियम के तहत दोषी पाते हुए न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया था। सोमवार को सुनवाई के बाद सभी को सजा सुनाई और जेल भेज दिया।