Good news: भाषा विश्वविद्यालय की टीम ने तैयार किया मॉडल, बिना रुके वाहन चार्ज करेगा डायनेमिक वायरलेस  

कुलपति का दावा- देश का पहला सफल शोध विवि में हुआ तैयार

Good news: भाषा विश्वविद्यालय की टीम ने तैयार किया मॉडल, बिना रुके वाहन चार्ज करेगा डायनेमिक वायरलेस  

लखनऊ, अमृत विचार। अगर आपके पास इलेक्ट्रिक वाहन है तो रुकने और घबराने की जरूरत नहीं, भाषा विवि का नया शोध आपको फर्राटा भरने के लिए मीलों तैयार करने जा रहा है। शोधार्थियों का तैयार डायनामिक वायरलेस चार्जर जल्द ही आमजन को बिना रुके वाहन को चार्ज करने की सहूलियत देगा।

ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनबी सिंह बताते हैं कि पेट्रोल और डीजल से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए बाजार में तेजी से इलेक्ट्रानिक वाहन बढ़ रहे हैं। स्थिति ऐसी ही रही तो वर्ष 2050 तक इनकी संख्या 80 फीसद तक पहुंच जाएगी। इसको ध्यान में रखते हुए विवि के शोधार्थियों ने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए डायनामिक वायरलेस चार्जर तैयार किया है। विवि के शोधार्थी व इंजीनियरिंग के छात्र ह्देश कुमार यादव बताते हैं कि ई रिक्शा ही नहीं इलेक्ट्रिक के हर वाहनों को चार्ज करने में घण्टों का समय लगता है। इन झंझटों से छुटकारा दिलाने के लिए डायनामिक वायरेलस चार्जर ऑन द हाइवे तैयार कर लिया गया है। इसके सहारे बिना रुके 400 किमी की यात्रा की जा सकती है।

इस तरह से वाहनों को करेगा चार्ज
डायनेमिक वायरलेस चार्जर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन की मदद से कार्य करता है। इसका संबंध दो क्वाएल से है। पहला क्ववाएल वाहनों के नीचे लगाया जाएगा। वहीं दूसरा क्वाएल सड़क पर बिछेगा। जो कुछ दूरी पर लगाए जाएगा। जैसे ही वाहन रास्ते से गुजरेगा। इलेक्ट्रोमैग्नेट इंडक्शन वाहन में चाजिंग करना शुरू कर देगा।

टोल टैक्स की तरह वसूल सकते हैं चार्ज
शोधार्थी प्रियांशू प्रताप सिंह और तनिष्का चौहान का कहना है कि इस तरह के चार्जर हाइवे पर लगाना बेहतर रहेगा क्योंकि जिस तरह से हाइवे से गुजरते समय वाहनों का टोल टैक्स पर पैसा लिया जाता है। उसी तरह एक नई लाइन बनाकर ऐसे वाहनों को चार्ज करने की सुविधा दी जा सकती है। 

विदेशी कंपनी ने भी फार्मूला सराहा
कुलपति बताते हैं कि प्रदूषण को कम करने वाले ऊर्जा स्रोत को स्वीडन की कंपनी काईपर ने भी सराहा है। कहते हैं कि वे भी इसी फार्मूले के सहारे कार्य कर रहे हैं। दावा है कि ये देश का पहला सफल शोध है।

शोध में इन्होंने किया मार्गदर्शन
प्रोजेक्ट सुपरवाइजर ई. अभिषेक अवस्थी, ई. सलमान अंसारी, इंजीनियरिंग विभाग के प्रभारी निदेशक प्रो. सैय्यद हैदर अली, ई. के शाह, ई. आस्था चौरसिया

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