बरेली: शिव धनुष टूटने के बाद पंडाल में गूंजा जय श्रीराम

बरेली: शिव धनुष टूटने के बाद पंडाल में गूंजा जय श्रीराम

बरेली, अमृत विचार। श्रीरानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति की ओर से रामलीला के मंचन में गुरुवार को धनुष यज्ञ, लक्ष्मण परशुराम संवाद का मंचन चौधरी तालाब मैदान पर किया गया। बता दें कि इस वर्ष 453वीं रामलीला मंचन किया जा रहा। बुधवार रात लक्ष्मण-परशुराम संवाद और सीता स्वयंवर का मंचन किया गया। स्वयंवर के बाद …

बरेली, अमृत विचार। श्रीरानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति की ओर से रामलीला के मंचन में गुरुवार को धनुष यज्ञ, लक्ष्मण परशुराम संवाद का मंचन चौधरी तालाब मैदान पर किया गया। बता दें कि इस वर्ष 453वीं रामलीला मंचन किया जा रहा। बुधवार रात लक्ष्मण-परशुराम संवाद और सीता स्वयंवर का मंचन किया गया। स्वयंवर के बाद वर माला डालते ही जय श्रीराम के जयघोष लगने लगे।

वहीं, रामलीला में परशुराम-लक्ष्मण संवाद आकर्षण का केंद्र रहा। राजा जनक ने पुत्री सीता के विवाह के लिए स्वयंवर का आयोजन किया। इसमें राजाओं को आमंत्रित किया गया। राजा जनक ने प्रस्ताव रखा कि जो भी शिव धनुष को तोड़ेगा, उसके साथ सीता का विवाह होगा। इस पर दर्जनों राजाओं ने प्रयास किया, लेकिन धनुष को तोड़ न सके। ऐसे में राजा जनक ने कहा कि शायद उन्होंने गलत फैसला ले लिया और धरती वीर पुत्रों से खाली है। इस पर लक्ष्मण क्रोधित हो गए और राजा जनक से बात करने लगे।

बाद में गुरु विश्वामित्र के समझाने के बाद लक्ष्मण शांत हो गए। इसके बाद विश्वामित्र भगवान श्रीराम को धनुष तोड़ने की आज्ञा देते हैं। आज्ञा पाते ही भगवान श्रीराम एक ही झटके में धनुष के दो खंड कर देते हैं। शिव का धनुष टूटते ही सीता स्वयंवर में परशुराम पहुंचते हैं। जहां पर लक्ष्मण से उनका तीखा संवाद चलता है।

वहीं, भगवान श्रीराम और सीता का मनमोहक मंचन अयोध्या के कलाकारों द्वारा किया गया। समिति के अध्यक्ष रामगोपाल मिश्रा ने कहा कि यह रामलीला कोरोना की गाइडलाइन के मुताबिक की जा रही है। इस मौके पर प्रभु नारायण तिवारी, डीके वाजपेयी, अमित अवस्थी, धीरेंद्र शुक्ला, कृष्ण चंद्र दीक्षित, ब्रजेश प्रताप सिंह, रजनीश वाजपेयी, मुनीष मिश्रा, शिव नारायण दीक्षित, सत्य प्रकाश सत्यम, कृष्ण दीक्षित, आदित्य मिश्रा आदि रहे।