Kanpur Dehat: मां कुष्मांडा का पूजन कर गूंजी जय-जयकार; माता के चौथे स्वरूप के दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़

Kanpur Dehat: मां कुष्मांडा का पूजन कर गूंजी जय-जयकार; माता के चौथे स्वरूप के दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़

कानपुर देहात, अमृत विचार। चैत्र नवरात्र के चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरुप माता कुष्मांडा की उपासना की गई। कहते हैं कि देवी ने अपनी मंद मुस्कराहट और अपने उदर से इस ब्रह्माण्ड को उत्पन्न किया था। जिसके चलते इन्हें कूष्मांडा देवी के नाम से जाना जाता है। इनकी उपासना शांत मन से करनी चाहिए। 

शुक्रवार को माता मुक्तेश्वरी मंदिर में श्रृद्धालुओं ने माता के चौथे स्वरुप मां कुष्मांडा देवी की पूजा-अर्चना के लिए दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने लंबी लाइनों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर दर्शन पूजन किया। शक्ति का चौथा स्वरूप सूर्य के समान तेजस्वी माना गया है। 

मान्यता के अनुसार देवी कुष्मांडा भगवान ब्रम्हा की शक्ति से दुर्गा के रूप में प्रकट हुई और भक्तों की रक्षा की। उन्होंने महिषासुर का वध किया, जिससे वे महिषासुरमर्दिनी भी कहलाईं। भक्तों ने माता मुक्तेश्वरी मंदिर में माथा टेक कर मनौती मांगी। माता के जयकारों से मंदिर परिसर गुंजायमान रहा। 

मां मुक्तेश्वरी जीर्णोंद्धार सेवा समिति के अध्यक्ष महेंद्र तिवारी बताते हैं कि माता का हर रोज अलग अलग श्रृंगार किया जाता है। माता के दरबार में सच्चे मन और श्रद्धा से मांगी गई मनोकामना मां अवश्य पूरी करती हैं। वहीं मंदिर व्यवस्था में जीर्णाेंद्धार सेवा समिति के पदाधिकारी व पुलिस प्रशासन मौजूद रहा।

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