अयोध्या: 63 वीं वाहिनी सीआरपीएफ शिविर में आयोजित हुआ शौर्य दिवस
अयोध्या,अमृत विचार। रामजन्मभूमि परिसर की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 63 वीं वाहिनी की ओर से परंपरागत रूप से इस वर्ष भी चांदपुर हरबंस स्थित शिविर में मंगलवार को शौर्य दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शहीदों का नाम पढ़ा गया और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को मेडल पहनाया गया। विभिन्न सांस्कृतिक और खेल प्रतियोगिता भी आयोजित हुई।
वाहिनी क्वार्टर गार्ड पर सलामी लेने के बाद अपने संबोधन में कमांडेंट छोटे लाल ने कहा कि 9 अप्रैल 1965 को पाकिस्तान की 3500 जवानों की पूरी इन्फेंट्री ब्रिगेड ने गुजरात के रण आफ कच्छ की सरदार पोस्ट पर हमला कर दिया था, सीआरपीएफ की छोटी सी टुकड़ी ने अपने अदम्य साहस और अद्भुत शौर्य का परिचय देते हुए पाक सेना को वापस खदेड़ दिया। पाक सेना के दो अधिकारी और 34 सैनिकों की मौत हुई तथा द्वितीय वाहिनी के 7 जवान वीरगति को प्राप्त हुए। तभी से जवानों के बलिदान को याद करने के लिए शौर्य दिवस मनाया जाता है। उन्होंने वाहिनी के 21 शहीदों के नाम मंच से पढ़कर सुनाया और श्रद्धांजलि दी। कहा कि इस बल को अब तक 2700 से ज्यादा वीरता पदको से सम्मानित किया जा चुका है। हमको देश में शांति व सुरक्षा तथा अखंडता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए।
इस अवसर पर अति उत्कृष्ट सेवा पदक, उत्कृष्ट सेवा पदक तथा महानिदेशक प्रशस्ति पत्र प्राप्त करने वाले वाहिनी के जवानों व अधिकारियों को पदको व प्रशस्ति पत्र से अलंकृत किया गया। कमांडेंट सरकार राजा रमन के अतिरिक्त अन्य अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारीगण तथा जवान उपस्थित रहे।
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