बदायूं: परेशान ग्रामीण बेच रहे पूरा गांव, मकान व जमीन के लगाए पोस्टर...जानिए मामला

गंगा एक्सप्रेस वे से रास्ता बंद होने की वजह से बढ़ गई है छह किलोमीटर दूरी

बदायूं: परेशान ग्रामीण बेच रहे पूरा गांव, मकान व जमीन के लगाए पोस्टर...जानिए मामला

बदायूं, अमृत विचार। विकास खंड इस्लामनगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत चंदोई के मजरा कपरोल के पास गंगा एक्सप्रेस वे का काम चल रहा है। कार्यदायी संस्था ने गांव कपरोल से चंदोई जाने वाला मार्ग बंद कर दिया है। ग्रामीणों को छह किलोमीटर लंबे रास्ते से घूमकर जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से लेकर कार्यदायी संस्था से मांग की। 27 फरवरी को निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस वे पर धरना भी दिया था लेकिन शिकायत का निस्तारण नहीं हुआ। जिसके चलते ग्रामीणों ने गांव में गांव बिकाऊ के पोस्टर लगाए हैं। शनिवार को पुलिस ने पोस्टर हटवा दिए। अब लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

गंगा एक्सप्रेस वे तक रास्ता न बनने से ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हैं। आरोप है कि कार्यदायी संस्था और प्रशासन रास्ता खुलवाने और अंडरपास बनवाने का आश्वासन देते रहे लेकिन रास्ता नहीं खुलवाया। ग्रामीणों ने शुक्रवार को पोस्टर लगाए थे। जिसपर लिखा था कि गंगा एक्सप्रेस वे से रास्ता बंद होने के कारण गांव के सभी मकान और जमीन बिकाऊ है। शनिवार को पुलिस बल गांव कपरोल पहुंचा। गांव में जगह-जगह गांव बिकाऊ के पोस्टर हटवाए। ग्रामीणों ने पोस्टर हटाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि पोस्टर हटाने से मना करने पर पुलिस ने चेतावनी दी कि लोकसभा चुनाव के चलते आदेश है कि सभी का मुचलका पाबंद किया जाए। पोस्टर न हटाने पर जेल जाना पड़ सकता है।

मतदान करने जाते हैं पास के गांव चंदोई
ग्राम पंचायत चंदोई के मजरा कपरोल की आबादी लगभग 500 है। गांव में 350 वोट हैं। 50 परिवार रहते हैं। इस गांव में मतदान केंद्र नहीं बनाता। जिसके चलते ग्रामीण गांव चंदोई के बूथ पर मतदान करने जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गंगा एक्सप्रेस वे का रास्ता बंद होने की वजह से अब मतदान का बहिष्कार करेंगे। वोट करने के लिए छह किलोमीटर दूर नहीं जाएंगे। ग्रामीणों ने बताया कि गांव कपरोल में न राशन की दुकान, पंचायत भवन या चिकित्सा सुविधा नहीं है। सरकारी विद्यालय भी गांव चंदोई में है। बच्चे भी उस गांव में पढ़ने जाते हैं। रास्ता बंद होने से अब चंदोई से ग्रामीणों का कोई मतलब नहीं रह गया है। ग्रामीणों ने कहा कि रोड नहीं तो वोट नहीं। 

छह किमी में बदली एक किमी की दूरी
गांव कपरोल से चंदोई की दूरी लगभग एक किलोमीटर थी। रास्ते में गंगा एक्सप्रेस बनने के बाद अब ग्रामीणों को दूसरे गांवों में होकर गुजरना पड़ रहा है। ग्रामीण निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस वे की वजह से दूर के रास्ते से अपने खेतों पर जा रहे हैं। ग्रामीणों को गांव नगला बारह, सिठौली होते हुए जा रहे हैं। जिससे एक किमी की दूरी छह किमी में बदल गई है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर ग्रामीणों को प्रधान की मुहर लगवाने की जरूरत पड़ जाए तो भी छह किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी। 

ग्रामीणों से बात :
गंगा एक्सप्रेस वे बनाने वालों ने गांव का रास्ता बंद कर दिया है। जिसकी वजह से पास के गांव चंदोई की दूरी छह किलोमीटर बढ़ गई है। ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जहां पहले था वहीं रास्ता बनाया जाए- बबलू।

गांव का रास्ता बंद कर दिया गया है। कई बार अधिकारियों से शिकायत की। इसके बाद भी समस्या का निस्तारण नहीं किया गया। रास्ता नहीं खुलवाया। जिसके चलते परेशान होकर गांव बिकाऊ होने के पोस्टर लगाए गए हैं- जगत सिंह।

गांव जाने का मुख्य मार्ग गंगा एक्सप्रेस वे के ठेकेदार ने बंद करा दिया है। एसडीएम से लेकर डीएम से भी रास्ता खुलवाने की मांग की लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया गया। मजबूर होकर पोस्टर लगाए हैं। अब मतदान के लिए इतनी दूर नहीं जाएंगे- वीरेंद्र सिंह।

गंगा एक्सप्रेस वे बनाने वालों ने गांव कपरोल से चंदोई जाने वाला रास्ता बंद कर दिया है। खेती करने या बच्चों के सरकारी स्कूल जाने में परेशानी हो रही है। बच्चों को ज्यादा दूर नहीं भेज सकते। गांव में पोस्टर लगाए वह भी पुलिस ने हटवा दिए- रामौतार।

गांव कपरोल में पोस्टर लगने की जानकारी मिली है। एसडीएम को जांच के लिए बोला गया है। वह ग्रामीणों से वार्ता करेंगी। गंगा एक्सप्रेस वे का मामला है। हो सकता है ग्रामीणों द्वारा अधिक चौड़ा रास्ता मांगा जा रहा हो। जांच के बाद सारी स्थिति साफ हो जाएगी। ग्रामीणों की सभी समस्याओं का निदान किया जाएगा- डॉ. वैभव शर्मा, एडीएम, वित्त एवं राजस्व।

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