रामनगर: शुल्क वृद्धि से कॉर्बेट में घटी पर्यटकों की संख्या

रामनगर: शुल्क वृद्धि से कॉर्बेट में घटी पर्यटकों की संख्या

रामनगर, अमृत विचार। कॉर्बेट नेशनल पार्क में जंगल सफारी का परमिट शुल्क बढ़ाने से सीटीआर के राजस्व में बेशक करोड़ों रुपये का राजस्व मिला हो, लेकिन शुल्क वृद्धि से पर्यटकों का घटना किसी चिंता से कम नहीं है। सफारी करने वाले पर्यटकों की संख्या में करीब 25 हजार की कमी आई है।

होटल कारोबारी भी शुल्क वृद्धि के निर्णय को गलत बता रहे हैं। बता दें कि कॉर्बेट पार्क में नवंबर 2023 से सफारी का परमिट (प्रवेश) शुल्क 3330 रुपये प्रति परमिट कर दिया गया है, जो पूर्व में 1080 रुपये था। एक परमिट में छह लोगों को सफारी की अनुमति दी जाती है। परमिट शुल्क बढ़ाने से सीटीआर की आय पिछले साल की तुलना में 13.13 करोड़ के मुकाबले बढ़कर 23.46 करोड़ हो गई है, लेकिन सफारी करने वाले पर्यटकों की संख्या में 25 हजार की कमी आई है।

कम बजट वाले पर्यटक हुए कम
कॉर्बेट में बड़े बजट वाले पर्यटक आते हैं, लेकिन कई पर्यटक सीमित बजट वाले भी आते हैं। ऐसे पर्यटक परमिट शुल्क बढ़ने से सीटीआर से बाहर के जंगलों में सफारी करना पसंद कर रहे हैं। रामनगर के सीतावनी वन प्रभाग में पिछले पर्यटन सीजन में जहां 1,06000 पर्यटक आये। वहीं इस सीजन में इनकी संख्या 1,25000 पहुंच गई। इससे रामनगर वन प्रभाग की आय भी 1.5 करोड़ से बढ़कर 2.60 करोड़ पहुंच गई है।

बोले पर्यटन कारोबारी
सफारी परमिट शुल्क बढ़ाने से होटल कारोबार पर असर पड़ा है। फैमिली पैकेज में आने वाले पर्यटकों की संख्या में 40 प्रतिशत कमी आई है। शासन से अनुरोध है कि बढ़े परमिट शुल्क को वापस लिया जाए, ताकि कॉर्बेट के पर्यटन पर असर न पड़े।
- हरि सिंह मान, अध्यक्ष कॉर्बेट होटल एंड रिजॉर्ट एसोसिएशन 

सफारी के लिए परमिट के दाम में तीन गुना वृद्धि करने से कॉर्बेट में सफारी का काम काम हो गया है। जिप्सी चलाकर रोजगार कर रहे 360 लोगों के सामने संकट पैदा होने लगा है। सीटीआर निदेशक से लेकर डीएम और पर्यटन मंत्री तक को ज्ञापन भेजे गए हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
- प्रेम सिंह मेहरा अध्यक्ष, कॉर्बेट जिप्सी वेलफेयर एसोसिएशन रामनगर

सफारी के परमिट का शुल्क बढ़ाने का फैसला शासन का था, क्योंकि पिछले करीब 10  साल से इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई थी। जहां तक पर्यटकों की सफारी में कमी की बात है, यह संख्या बहुत ज्यादा नहीं है। कुछ समय बाद इसमें वृद्धि देखी जा सकेगी। 
- डॉ. धीरज पांडे, निदेशक कार्बेट पार्क