आतिशबाजी में विस्फोट: आतिशबाज पिता-पुत्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज, 20 अप्रैल तक मजिस्ट्रियल जांच

उपनिरीक्षक की तहरीर पर आतिशबाज पिता-पुत्र के खिलाफ थाना इस्लामनगर में हुई कार्रवाई

आतिशबाजी में विस्फोट: आतिशबाज पिता-पुत्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज, 20 अप्रैल तक मजिस्ट्रियल जांच

इस्लामनगर/बदायूं। थाना इस्लामनगर क्षेत्र के कस्बा में मुख्य मार्ग किनारे घर में आतिशबाजी में विस्फोट हुआ था। जिसमें मां-बेटे की मौत हो गई थी जबकि दो बच्ची घायल हुई थीं। लाइसेंस निरस्त होने के बाद भी घर में आतिशबाजी का भंडारण किया गया था। जिसकी वजह से हादसा हुआ। दो की मौत हुई और अन्य लोगों को भी नुकसान पहुंच सकता था। जिसके चलते उपनिरीक्षक मुनेंद्र सिंह की तहरीर पर आतिशबाज और उनके बेटे के खिलाफ विस्फोट पदार्थ अधिनियम, गैर इरादतन हत्या, संपत्ति के नुकसान आदि के आरोपी में रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस के अनुसार घटनास्थल से आतिशबाजी व अन्य ज्वलनशील सामग्री बरामद हुई है। 

कस्बा इस्लामनगर के मोहल्ला मोहाली निवासी अख्तर अली आतिशबाजी बनाते थे। उनके पिता अशगर अली के पास आतिशबाजी बनाने और बेचने का कई साल पहले लाइसेंस था। सोमवार दोपहर लगभग तीन बजे घर में धमाका हुआ तो पता चला कि घर में बड़ी मात्रा में आतिशबाजी थी। मात्रा भी इतनी थी कि दो मंजिल मकान धराशायी हो गया। मलबा में अख्तर अली की पत्नी सलामत, बच्चे अर्शी, तमन्ना और तैमूर दब गए हैं। जेसीबी से मलबा हटाया गया। अर्शी और तमन्ना को सुरक्षित बाहर निकाला। 

रुदायन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया गया। सलामत और तैमूर गंभीर रूप से घायल थे। जिन्हें सीएचसी भिजवाया गया। जहां चिकित्सक ने दोनों को मृत घोषित कर दिया था। पुलिस ने मलबा हटवाया तो वहां से बनी और अधबनी आतिशबाजी मिली। आतिशबाजी बनाने के लिए प्रयुक्त गत्तों के टुकड़े पड़े थे। इस्लामनगर के उपनिरीक्षक मुनेंद्र सिंह ने अख्तर अली और उनके पिता अशगर अली के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस के अनुसार अख्तर ने माना है कि वह बिना लाइसेंस के आतिशबाजी का काम कर रहे थे। इस्लामनगर के प्रभारी निरीक्षक हरेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

एसडीएम प्रशासन करेंगी मजिस्ट्रियल जांच
हादसे के बाद डीएम मनोज कुमार और एसएसपी आलोक प्रियदर्शी हादसास्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने जांच कराकर आगे की कार्रवाई की बात कही थी। मंगलवार को डीएम ने मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया है। उन्होंने बिल्सी एसडीएम प्रवर्धन शर्मा की प्राथमिक जांच के आधार पर एसडीएम रेनू सिंह को जांच अधिकारी नामित करते हुए नौ बिंदुओं पर 20 अप्रैल तक आख्या मांगी है। डीएम की ओर से जारी आदेश के अनुसार धमाके में दो मंजिल मकान पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। एसडीएम बिल्सी से जांच प्राथमिक जांच कराई गई थी। उन्होंने जो आख्या दी है उसमें प्राथमिक स्तर पर प्रतिकूल तथ्य सामने आए हैं। 

इन बिंदुओं पर होगी मजिस्ट्रियल जांच
- घटना का कारण क्या था ?
- विस्फोटक विनिर्माण व विक्रय किस श्रेणी का लाइसेंस था व अनुज्ञापी कौन था ?
- क्या भवन में विस्फोटक सामग्री का भंडारण किया गया ?
- क्या भंडारण वैध था ?
- विभिन्न विभागों की अनापत्ति की स्थिति क्या है ?
- अनुज्ञापन किस स्थल का था ? (चौहद्दी का विवरण)
- अनुज्ञापन के नवीनीकरण की स्थिति क्या है ?
- क्या नवीनीकरण के लिए समय से कार्रवाई की गई ? कार्यालय की भूमिका क्या रही ?
- विगत समय में उक्त अनुज्ञापी के यहां किसके द्वारा व कब-कब निरीक्षण किए गए थे। थाना स्तर के सत्यापन की स्थिति भी देखी जाए ?

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