बरेली: टॉफी और चॉकलेट ज्यादा खराब होने से बच्चों के दांतों में हो रही सड़न, समय पर कराएं इलाज
इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेस की ओर से बच्चों के मुख स्वास्थ्य के प्रति किया जा रहा जागरूक
बरेली, अमृत विचार। बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेस की ओर से ओरल हेल्थ माह के तहत बच्चों के मुख स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
कॉलेज के प्रधानाचार्य डाॅ. सत्यजीत ने बताया कि जब मुंह में मौजूद एसिड दांतों की बाहरी परतों को पिघला देता है तो इसे दांतों में सड़न या कैविटी के नाम से जाना जाता है। बच्चों के दांतों में सड़न के कई कारण हो सकते हैं, जैसे मीठी टॉफी, चॉकलेट, कैंडी जरूरत से ज्यादा खाना, फास्ट फूड खाना, नियमित रूप से ब्रश न करना और खाने से पर्याप्त न्यूट्रीशन न मिलना आदि हैं। इन सभी बीमारियों का इलाज समय पर होना जरूरी है।
दांतों की अगर सड़न छोटी है और दांतों की ऊपरी सतह पर है तो इलाज के लिए दांत के सड़े हुए हिस्से को हटाने और उसके स्थान पर फिलिंग लगाने की आवश्यकता होती है। यह फिलिंग दांत के रंग और मेटैलिक भी हो सकती है। वहीं जब दांतों की सड़न के कारण आपकी नसें नष्ट हो जाती हैं, तो दंत चिकित्सक दांत को बचाने के लिए रूट कैनाल करेगा और तंत्रिका ऊतक, रक्त वाहिका और सड़े हुए क्षेत्र को हटा देते हैं। इसके बाद संक्रमण की जांच होती है और जरूरत के हिसाब से जड़ों पर दवा लगाई जाती है। डॉक्टर अंत में दांत भर देते हैं।
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