रुद्रपुर: पंजाब के तरनतारन में लिखी बाबा की हत्या की पटकथा

रुद्रपुर, अमृत विचार। नानकमत्ता डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम की हत्याकांड को अंजाम देने से पहले हत्याकांड की पटकथा पंजाब के तरनतारन में लिखी गई थी, क्योंकि हत्यारोपी अमरजीत सिंह बिलासपुर यूपी छोड़ने के बाद पंजाब चला गया था और कट्टरपंथी विचारधारा का था। पुलिस का भी मानना है कि इसी कट्टरपंथी सोच का ही परिणाम है कि बाबा की हत्याकांड को अंजाम दिया गया।
बताते चलें कि बिलासपुर यूपी के गांव सिहोरा का रहने वाला अमरजीत 15 साल पहले ही गांव की पुश्तैनी जमीन और मकान बेचकर परिवार के साथ पंजाब के तरनतारन चला गया था। वहीं अमरजीत का नाम उस वक्त भी सुर्खियों में आया था। जब वर्ष 2013 में डिबडिबा यूपी के प्रधान सेठी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। गांव छोड़ने के बाद अमरजीत का संपर्क बिलासपुर यूपी के अलावा सीमावर्ती ऊधमसिंह नगर के सिख परिवारों से रहा। हत्यारोपी कट्टरपंथी विचारधारा का व्यक्ति था।
सूत्रों के अनुसार पंजाब में बसने के दौरान उसकी मुलाकात पंजाब तरनतारन के रहने वाले सरबजीत सिंह से हुई और जब नानकमत्ता के पूर्व प्रधान तरसेम का विवाद सुर्खियों में आने लगा। उसी दौरान दोनों की सक्रियता बढ़ गई। बताया जा रहा है कि विवाद के दौरान सरबजीत व अमरजीत कई बार तराई में आकर विरोध आंदोलन में शामिल भी हुए है। गुरु घर का विवाद ज्यादा बढ़ने के बाद दोनों कट्टरपंथी विचारधारा के हत्यारोपियों ने कुछ माह पहले ही बाबा तरसेम की हत्याकांड की योजना बनाई और शातिराना अंदाज से नानकमत्ता आकर हत्याकांड को अंजाम दे डाला।
जिसकी आशंका पुलिस के आला अधिकारी भी जता रहे हैं। पुलिस के अधिकारियों का मानना है कि हत्याकांड के बाद जिस प्रकार सोशल मीडिया पर हत्यारों के समर्थन में पोस्ट डाली जा रही है। उससे साफ हो रहा है कि हत्याकांड को अंजाम किसी प्रोफेशनल शूटरों ने नहीं, बल्कि कट्टरपंथी सोच के दोनों हत्यारोपियों ने दिया है।
पंजाब पुलिस ने शुरू की पूछताछ
बाबा तरसेम के हत्यारोपियों के परिवार को पंजाब पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि बाबा के हत्यारों की पहचान होते ही। तत्काल पुलिस की एक टीम पंजाब के तरनतारन को रवाना हो गई थी। जहां पुलिस ने दबिश दी और दोनों हत्यारोपियों के परिजनों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
सूत्रों के अनुसार पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली है कि हत्याकांड से कई दिन पहले ही दोनों ने घर छोड़ दिया था और परिवार से भी कोई संपर्क नहीं साधा, जिसकी पुष्टि हत्यारोपियों के बंद पड़े मोबाइल और सीडीआर रिपोर्ट से शुरू हुई। पुलिस को आशंका से है कि हत्याकांड से पहले ही मोबाइल व सिम कार्ड बदल दिया गया होगा।