पीलीभीत से जितिन प्रसाद होंगे भाजपा उम्मीदवार, वरुण गांधी भी लड़ सकते हैं निर्दलीय, अटकलों पर विराम

पीलीभीत से जितिन प्रसाद होंगे भाजपा उम्मीदवार, वरुण गांधी भी लड़ सकते हैं निर्दलीय, अटकलों पर विराम

पीलीभीत, अमृत विचार: तराई की पीलीभीत बहेड़ी लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी घोषित न होने पर चल रही तमाम तरह की अटकलों पर रविवार देर शाम विराम लग गया। पीलीभीत सीट से निवर्तमान सांसद वरुण गांधी का भाजपा हाई कमान ने टिकट काट दिया। उनके स्थान पर अब भाजपा सरकार मे कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद भाजपा के प्रत्याशी होंगे।

इस सूची के जारी होने के बाद इस सीट पर सियासत और गरमा गई है। लंबे समय बाद भाजपा से मेनका और वरुण गांधी नहीं होंगे। हालांकि चर्चाएं यह भी हैं कि जिस तरह से अभी तक टीमें प्रचार और जनसंपर्क कर रही थीं, उससे वरुण गांधी का निर्दलीय चुनाव मैदान में आने की उम्मीद जताई जा रही है। 

पीलीभीत-बहेड़ी लोकसभा सीट मेनका गांधी और वरुण गांधी को लेकर इस बार हाईप्रोफाइल बन चुकी थी। पहले चरण में मतदान 19 अप्रैल को होना है। नामांकन प्रक्रिया भी बीते बुधवार से शुरू हो चुकी है। जिसमें सिर्फ दो दिन यानी 26 व 27 मार्च बाकी है। सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व मंत्री अनीस अहमद खां उर्फ फूलबाबू के प्रत्याशी होने की घोषणा की।

इसके बाद माना जा रहा था कि समाजवादी पार्टी पहले भाजपा की सूची का इंतजार कर रही है। मगर इन अटकलों को भी उस वक्त विराम लग गया जब समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर अपने प्रत्याशी के तौर पर पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार के नाम की घोषणा कर दी।  कांग्रेस समेत अन्य इंडिया गठबंधन में शामिल दल सपा प्रत्याशी को ही लड़ाएंगे।

ऐसे में भाजपा के प्रत्याशी को लेकर मारामारी चल रही थी। दावेदारों की लंबी फेहरिस्त के बीच कौन टिकट पाने में कामयाब होता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रही। शनिवार रात हुई हाईकमान की बैठक के बाद रविवार सुबह से ही चर्चा तेज हो गई थी कि इस सीट पर निवर्तमान सांसद वरुण गांधी का टिकट कटेगा।

सुबह से ही कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को टिकट मिलने की चर्चा होने लगी थी। सोशल मीडिया पर इसे लेकर मेसेज भी वायरल हो गए थे। मगर आधिकारिक घोषणा का इंतजार किया जा रहा था। देर शाम भाजपा की ओर से लिस्ट जारी कर दी गई। जिसमे वरुण गांधी का टिकट कट गया। उनकी जगह अब जितिन प्रसाद को टिकट दे दिया है। उनके चुनाव मैदान में आने के बाद मुकाबला और रोचक मोड़ पर आ गया गई। 

बता दें कि इस बार शुरुआत से ही वरुण गांधी का टिकट कटने के आसार जताए जा रहे थे।  यही वजह थी कि दावेदारों की संख्या भी बढ़ती चली गई। मगर टिकट पाने में जितिन प्रसाद कामयाब रहे। इधर, वरुण गांधी की टीम कुछ समय में  जिस तरह से तैयारी करती दिख रही है। इससे तो यही संकेत है कि वरुण निर्दलीय चुनाव लड़ सकते है। अगर ऐसा होता है तो इस सीट पर मुकाबला और दिलचस्प होता दिखेगा। फिलहाल भाजपा की घोषणा के बाद तमाम अटकलों पर विराम लग गया है।

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