Kanpur: महिलाओं में यह समस्या बन रही बांझपन की वजह; अनदेखी करना पड़ सकता भारी, जानें लक्षण
कानपुर, अमृत विचार। पीरियड्स के दौरान ऐंठन या दर्द होना सामान्य बात है। लेकिन यह चिंता का कारण तब बन जाता है, जब यह दर्द असहनीय हो जाए, जो एंडोमेट्रियोसिस जैसी गंभीर समस्या की वजह से हो सकता है। वक्त रहते इलाज कराना बहुत जरूरी है नहीं तो यह बांझपन का कारण भी बन सकता है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के जच्चा-बच्चा अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन दो से तीन सौ के करीब महिलाएं इलाज के लिए पहुंचतीं हैं। इनमें कुछ महिलाएं ऐसी भी शामिल होतीं है, जिनको पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द, ब्लीडिंग, पीरियड्स के बाद कमर में दर्द, कब्ज, थकावट आदि समस्या होती है। प्रतिमाह 30 से 35 महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस जैसी गंभीर बीमारी की जानकारी होती है।
आंकड़ों में किशोरी व युवतियां भी शामिल हैं। जच्चा-बच्चा अस्पताल की प्रो.शैली अग्रवाल ने बताया कि एंडोमेट्रियोसिस यूट्रस के समान टिश्यू युट्रस के बाहर फैलोपियन ट्यूब, ओवरी और पेल्विक रीजन में भी हो सकता है। यूट्रस के अंदर की टिश्यू हर पीरियड साइकिल के साथ टूटती है और शरीर से बाहर निकलती है, लेकिन एंडोमेट्रियोसिस में ऐसा नहीं होता।
इसमें यह टिश्यू उस जगह पर इकट्ठा होते रहते हैं, क्योंकि बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं होता। यह टिश्यू आपके हार्मोन सेंसीटिव होते हैं यानी ये टिश्यू पीरियड्स के दौरान सूज जाते हैं। इस वजह से पीरियड्स के दौरान संबंधित महिला को भयंकर दर्द का सामना करना पड़ता है। समय पर इसका इलाज न होने पर यह आगे चलकर बांझपन जैसी गंभीर समस्या का कारण भी बन सकता है।
डाइट में सुधार करना बेहद जरूरी
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. नीना गुप्ता ने बताया कि खराब डाइट के कारण भी एंडोमेट्रियोसिस की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए ज्यादा फैट वाले खाने से बचना चाहिए। फैट की मात्रा अधिक होने के कारण एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ता है और इस वजह से एंडोमेट्रियोसिस का खतरा भी बढ़ जाता है।
इसलिए डाइट में ताजे फल और हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। प्रतिदिन व्यायाम करना भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। व्यायाम पीरियड्स क्रैम्प्स को भी कम करने में मदद करती है। दवा, सर्जरी आदि की मदद से भी इसमे आराम मिलता है। बांझपन से ग्रस्त महिला के लिए आईवीएफ भी विकल्प है।