Bareilly News: सिरौली में तैनात कॉन्स्टेबल ने अपने सिर में मारी गोली, मौत

Bareilly News: सिरौली में तैनात कॉन्स्टेबल ने अपने सिर में मारी गोली, मौत

बरेली, अमृत विचार। सिरौली में तैनात कॉन्स्टेबल अरुण यादव ने राइफल से सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। 25 वर्षीय कॉन्स्टेबल अरुण यादव ग्राम फौलादपुर थाना धनौरा जनपद अमरोहा के निवासी थे। उनकी तैनाती थाना सिरौली में थी, आज ड्यूटी के बाद अपने कमरे में जाकर पहले अपना मोबाइल को स्विच ऑफ कर लिया, उसके बाद सर्विस राइफल से अपने सिर में गोली मारकर जान दे दी।

बता दें, सिपाही अरुण यादव का मोबाइल फोन कब्जे लेकर जांच की जा रही है। अफसरों का मानना है कि कॉल डिटेल से उसकी आत्महत्या की वजह से पता चल सकती है। साथी पुलिसकर्मियों में अरुण की पहचान बेहद मिलनसार और खुशदिल इंसान के तौर पर थी। उनके आत्महत्या करने से सभी स्तब्ध हैं।

अरुण यादव के मित्र देवल के मुताबिक उनके साथ कमरे में अरुण और राहुल समेत तीन लोग रहते हैं। राहुल छुट्टी गए हुए हैं, वह अपनी ड्यूटी पर थे। इंस्पेक्टर के कहने पर शाम छह बजे वह अरुण को बुलाने कमरे पर गए तो दरवाजा अंदर से बंद था। काफी देर तक दरवाजा पीटने के बाद भी कोई आवाज नहीं आई और कई कॉल करने के बाद फोन भी नहीं उठा तो उन्होंने ड्राइवर वीरपाल और एक अन्य पुलिस कर्मी को बुलाया।

इसके बाद दरवाजा तोड़ा तो अंदर अरुण खून से लथपथ जमीन पर पड़े थे। उनकी राइफल की मैगजीन भी अलग निकली पड़ी थी। गोली ठोड़ी से होते हुए सिर के पार हो गई थी। इसके बाद इंस्पेक्टर लव कुमार ने अधिकारियों को सूचना दी।

एसपी देहात मानुष पारीक ने बताया कि थाने पहुंचने के बाद उन्होंने घटनास्थल की जांच के साथ पुलिस कर्मियों से भी पूछताछ की, लेकिन कोई वजह सामने नहीं आई है। अरुण ड्यूटी खत्म करके आराम करने की बात कहकर कमरे में गए थे। उनका मोबाइल फोन कब्जे में लेकर जांच की जा रही है।

थाने में किसी को नहीं सुनाई दी गोली की आवाज
जिस वक्त सिपाही अरुण यादव ने गोली मारी, उस वक्त उनके कमरे से नीचे ड्राइवर वीरपाल सिंह और पड़ोस में एक और पुलिस कर्मी मौजूद था लेकिन किसी को गोली चलने की आवाज नहीं सुनाई दी। जब देवल अरुण को उठाने के लिए पहुंचा तब घटना का पता चला। कुछ पुलिस कर्मी दबी जुबान में कह रहे थे कि वे लोग अरुण को कई बार समझाते रहते थे लेकिन वह नहीं माना। साथी पुलिस कर्मियों का यह भी कहना है कि अरुण बहुत मिलनसार छे। दूसरे पुलिसकर्मी की छुट्टी के लिए खुद उसकी जगह ड्यूटी करने को भी तैयार हो जाते थे।

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