रामपुर : निधि तो खूब मिली, लेकिन माननीयों की सुस्ती विकास की रफ्तार पर पड़ी भारी
पिछले लगभग 40 साल का रिकार्ड दे रहा गवाही, आजम खां के सवा दो साल जेल में रहने से नहीं मिल सका मौका, अब सरकारों ने भी खींच लिए हाथ, कहीं नहीं आ सकी पूरी निधि

रामपुर, अमृत विचार। रामपुर का दुर्भाग्य रहा कि निधि तो खूब मिली लेकिन, कुछ माननीयों ने यहां विकास कराने में दिलचस्पी नहीं ली। दूसरी बार 13वीं लोकसभा के लिए चुनी गईं बेगम नूरबानो ने जिले में काफी विकास कराया जबकि, आजम खां के सवा दो साल जेल में रहने के कारण विकास रफ्तार नहीं पकड़ सका। नेपाल सिंह के लिए पैसे की कमी नहीं रही लेकिन, उसके सापेक्ष वह विकास को रफ्तार नहीं दे सके। कभी सरकार ने भी हाथ खींच लिया।
जिले में विकास रफ्तार नहीं पकड़ सका जबकि, शासन से प्राप्त धनराशि की कमी नहीं रही। 10वीं लोकसभा के लिए भाजपा के लिए चुने गए राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने सांसद निधि के दो करोड़ पांच लाख में से एक करोड़ 37 लाख रुपये खर्च किए। उन्हेंने 95 सड़कों के अलावा अन्य कार्य कराए। 11वीं लोकसभा के लिए कांग्रेस के टिकट पर चुनीं गईं बेगम नूरबानो को एक करोड़ 50 लाख रुपये मिले और उन्होंने 129 करोड़ 79 लाख खर्च कर 39 सड़कों के अलावा अन्य कार्य कराए।
12वीं लोकसभा के लिए भाजपा के टिकट पर मुख्तार अब्बास नकवी चुने गए और उन्होंने दो करोड़ पांच लाख में से दो करोड़ 40 लाख रुपये खर्च कर 70 सड़कों समेत 120 कार्य कराए। 13वीं लोकसभा में कांग्रेस के टिकट पर चुनी गईं बेगम नूरबानो ने 6 करोड़ 42 लाख में से जिले में छोटे-बड़े 697 कार्य कराए। सपा नेता आजम खां के कार्यकाल में शासन से पैसे की कम प्राप्ति हुई और जिलेभर में महज 17 कार्य इनके कार्यकाल में हुए।
14वीं लोकसभा में सपा के टिकट पर फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा ने चुनाव लड़ा और तीन करोड़ की निधि में सड़कों समेत 27 विकास कार्य कराए। 15वीं लोकसभा में चुनाव जीतने के बाद जयाप्रदा ने तीन करोड़ 12 लाख की निधि में एक करोड़ 97 लाख रुपये से छोटे-बड़े कार्य कराए। 16वीं लोकसभा में भाजपा के टिकट पर चुने गए डॉ. नेपाल सिंह ने जिले में 337 सड़कें बनवाईं।
विद्युतीकरण और पांच स्कूलों का निर्माण कराया। 17वीं लोकसभा के लिए चुने गए मोहम्मद आजम खां ने महज 17 कार्य कराए थे। 17वीं लोकसभा में आजम खां के इस्तीफा देने के बाद वर्ष 2022 में हुए उपचुनाव में घनश्याम सिंह लोधी ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की और जिले में विकास के पहिये को घुमाया। उन्होंने साढ़े पंद्रह करोड़ से सड़कें, सोलर लाइट और प्याऊ का निर्माण कराया। इसके अलावा अन्य छोटे-बड़े कुल 703 कार्य कराए हैं। सांसद निधि के आंकड़ों का स्त्रोत डीआरडीए है।
आजम खां की सांसद निधि का भी घनश्याम लोधी ने किया उपयोग
पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां ने वर्ष 2019 में सपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा को करारी शिकस्त देकर लोकसभा का सफर तय किया। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2022 में लोकसभा से त्याग पत्र दे दिया। आजम खां के त्याग पत्र देने के बाद सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए घनश्याम सिंह लोधी को भाजपा ने लोकसभा उपचुनाव में टिकट थमाया। उनका चुनाव प्रचार के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रामपुर पहुंचे और फिजिकल कॉलेज मैदान में जनता से तमाम वादे किए। बिलासपुर चीनी मिल का विस्तारीकरण के साथ वहां की पेराई क्षमता बढ़ाने का भी ऐलान किया, जो पूरा नहीं हुआ है। पूरा सीजन किसान परेशान होते रहे। रुद्र-बिलास चीनी मिल की पुरानी मशीनें हांफ कर बंद हो जाती हैं। घनश्याम सिंह लोधी ने उपचुनाव जीत लिया और आजम खां की सांसद निधि कि 57 लाख रुपयों का उपयोग किया। घनश्याम एक बार फिर रामपुर लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं।
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