Kanpur: ई-रिक्शा और टेंपो की अराजकता में फंसा मशीनरी बाजार; फुटपाथ पर दुकानदारों का कब्जा, सड़क पर रखे ट्रांसफार्मर...

Kanpur: ई-रिक्शा और टेंपो की अराजकता में फंसा मशीनरी बाजार; फुटपाथ पर दुकानदारों का कब्जा, सड़क पर रखे ट्रांसफार्मर...

कानपुर, अमृत विचार। मूलगंज चौराहे पर एक ओर ई-रिक्शा चालकों की अराजकता दूसरी ओर दुकानों के बाहर खड़े खड़ाखड़ा चालक मशीनरी बाजार के लिए प्रसिद्ध लाटूश रोड की साख पर बट्टा लगा रहे हैं। 100 साल पुराने बाजार की फुटपाथ पर दुकानदारों का कब्जा है। 

पार्किंग की व्यवस्था न होने से दुकानदार सड़कों पर वाहन खड़े करते हैं। मशीनों के लिए प्रतिष्ठित इस बाजार में एक भी यूरिनल नहीं है। इस कारण बाहरी जनपदों से आने वाले व्यापारियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ई-रिक्शा चालकों की अराजकता के कारण दूसरे जनपदों के कारोबारी बाजार आने से कतराने लगे हैं। 

अंग्रेजों के जमाने में स्थापित हुई कॉटन मिल, एल्गिन मिल, लाल इमली समेत तमाम मिलों की मशीनरी संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए 15 दुकानों से स्थापित हुई लाटूश रोड बाजार आज ई-रिक्शा की अराजकता के बोझ तले दबी है। वर्तमान में लाटूश रोड बाजार में  छह सौ से अधिक दुकानें है। मशीनरी के लिए प्रतिष्ठित इस बाजार में ईस्टर्न यूपी व बिहार तक के व्यापारी माल लेने आते हैं। 

बाजार में रोज रीब 10 करोड़ रुपये से अधिक का टर्न ओवर है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। बाजार में सबसे बड़ी समस्या ई-रिक्शा व टेंपो चालकों की अराजकता है। जाम से राहत दिलाने के लिए मूलगंज चौराहे पर कंक्रीट बैरियर लगाकर बंद तो कर दिया गया, लेकिन संपूर्ण समाधान नहीं किया गया। लाटूश रोड जाने वाले व्यापारी व ग्राहक कुली बाजार कट से होकर गुजरते हैं। कट के दोनों ओर अतिक्रमण होने के कारण लोगों को जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। 

इसके साथ ही मूलगंज चौराहें से लाटूश रोड पर मुड़ना सबसे बड़ी चुनौती है। मूलगंज से बासमंडी चौराहे की ओर जाने वाली सड़क करीब 50 फिट चौड़ी है, लेकिन चौराहों पर ही ई-रिक्शा चालकों की धमाचौकड़ी के कारण सड़क मात्र 10 फिट ही बचती है। इसके साथ ही चौराहे पर ही खोदाई का काम चल रहा है, जिस कारण बाजार में मालवाहक वाहनों को आने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर दुकानों के बाहर खड़ाखड़ा स्टैंड बना हुआ है। सड़क के दोनों ओर आठ-आठ फिट चौड़े फुटपाथ सामानों से घिरे हुए हैं। 

जर्जर हो चुकी भगत सिंह मार्केट

लाटूश रोड बाजार से सिलाई मार्केट, पाइप मार्केट, ओल्ड मोटर बाजार के साथ 100 साल पुरानी नगर निगम की भगत सिंह मार्केट है। भगत सिंह मार्केट में करीब 60 से 70 दुकानदार हैं, जिनसे सालाना करीब 20 हजार रुपये का किराया वसूला लिया जाता है। लेकिन बाजार में आज तक मरम्मत का काम नहीं कराया गया है। दुकानों की छतों का प्लास्टर गिर रहा है, छज्जे बुरी तरह से जर्जर है। मार्केट में जाने वाले रास्ते पर स्ट्रीट वेंडर्स ने कब्जा कर रखा है। 

आधी सड़क पर रखे ट्रांसफार्मर

मूलगंज चौराहे से लाटूश रोड की ओर मुड़ते ही सड़क पर पूरा फुटपाथ ट्रांसफार्मर से घिरा है। फुटपाथ पर तीन ट्रांसफार्मर रखे हैं। सिद्धेश्वर त्रिमूर्ति हनुमान मंदिर के पास आधी सड़क तक ट्रांसफार्मर रखा है। लाटूश रोड फायर स्टेशन के बाहर फुटपाथ पर तीन ट्रांसफार्मर का जाल सड़क तक फैला हुआ है। बाजार में पार्किंग की व्यवस्था न होने से आसपास के लोग दुकानों के बाहर लोडर, कार खड़ी कर कई-कई दिनों के लिए खड़ी कर देते हैं।  

पूरे बाजार में एक भी यूरिनल नहीं

व्यापारियों ने बताया कि अनवरगंज थाने के बाहर व फायर स्टेशन के बाहर दो यूरिनल बने हुए थे, जो कि तोड़ दिए गए थे। इसके बाद कई बार महापौर से यूरिनल बनाने के लिए कहा गया, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं की गई। व्यापारियों ने बताया कि यूरिनल न होने से बाहर से आने व्यापारियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। 

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