बदायूं: राष्ट्रीय सचिव योगेंद्र तोमर का इस्तीफा, बोले- अखिलेश यादव ने पीएडी बनाकर अलग कर दी सामान्य जाति
फोटो- कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करते योगेंद्र सिंह तोमर।
सहसवान, अमृत विचार: समजावादी पार्टी में पदाधिकारियों के इस्तीफा देने का क्रम जारी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय महासचिव सलीम इकबाल शेरवानी, स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद राष्ट्रीय सचिव योगेंद्र तोमर ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को अपना इस्तीफा भेजा। जिसके बाद से राजनीति में हलचल पैदा हो गई है। जिसके बाद सहसवान में बैठक की। कहा कि अखिलेश ने पीएडी बनाकर सामान्य जाति को अलग कर दिया है।
बैठक में योगेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सपा अपने वादे पर खरी नहीं उतरी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ उन्होंने सपा ज्वाइन की थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री देश के अल्पसंख्यक समाज में खासे लोकप्रिय हैं। सेकुलर छवि की बदौलत उन्हें विभिन्न जाति वर्ग में उन्हें स्वीकार किया गया है। जिसकी वजह से सपा मजबूत हुई। सपा उन्हें राज्यसभा में भेजने का आश्वासन देती रही। उनपर दबाव बनाकर भरे मंच से धर्मेंद्र यादव को लड़ाने की घोषणा करवाई।
6 फरवरी को उन्हें राज्यसभा भेजने को अस्वस्त किया गया लेकिन सपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए तीन अन्य नामों की घोषणा की। जिससे सपा समर्पित नेताओं और कार्यकर्ताओं में निराशा है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव के लिए कहा उनके पिता नेताजी मुलायम सिंह अपनी विश्वनीयता की बदौलत तीन बार मुख्यमंत्री बने। कहा कि वह अपने पिता की विशाल विरासत को अपनी कार्यशैली व कारगुजारियों से खोते जा रहे हैं।
कहा कि यूपी में कोई भी सरकार समान जातियां विशेष रूप से ठाकुर, ब्राह्मणों के सहयोग के बिना नहीं बन पाएगी लेकिन उन्होंने तो पीडीए की घोषणा कर सामान्य वर्ग की जातियों को सपा से अलग रखने का रास्ता दिखा दिया है।
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