Kanpur: SP MLA Irfan Solanki की रंगदारी मामले में जमानत मंजूर… एमपीएमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला
कानपुर में रंगदारी में इरफान सोलंकी की जमानत मंजूर।
कानपुर में रंगदारी में इरफान सोलंकी की जमानत मंजूर हो गई। सोमवार को एमपीएमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया।
कानपुर, अमृत विचार। जाजमऊ निवासी सीमेंट कारोबारी से रंगदारी मांगने के मामले में एमपीएमएलए कोर्ट ने सपा विधायक इरफान सोलंकी की जमानत याचिका मंजूर कर ली है। सपा विधायक इरफान सोलंकी के जेल जाने के बाद जाजमऊ निवासी सीमेंट कारोबारी विमल गौतम ने दिसंबर 2022 में इरफान सोलंकी, बिल्डर हाजी वसी, कमर आलम व शाहिद लारी के खिलाफ जमीन कब्जा करने व रंगदारी मांगने का आरोप लगाकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
विमल ने बताया था कि बिल्डर हाजी वसी व उसके साथी कमर आलम, शाहिद लारी ने मिलकर उनकी चार सौ गज की जमीन पर कब्जा कर लिया। इसमें विधायक इरफान सोलंकी भी शामिल रहे। पुलिस ने सपा विधायक व उनके साथियों के खिलाफ धोखाधड़ी, रंगदारी, धमकी देने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। इरफान के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि कोर्ट ने सपा विधायक की जमानत याचिका मंजूर कर ली है।
आगजनी कांड मामले में सुनवाई
सोमवार को सपा विधायक के आगजनी कांड मामले में सुनवाई की गई। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सईद नकवी ने तर्क दिया कि एफआईआर में किसी भी गवाह का उल्लेख नहीं किया गया है। पीड़िता नजीर फातिमा चश्मदीद गवाह नहीं है। जिस प्लॉट में नजीर फातिमा रह रहीं थीं वह रिजवान का प्लॉट है और जला सामान रिजवान ने प्लॉट में कबाड़ के तौर पर डाला था।
विवेचक ने गवाहों के बयान घटना के एक माह बाद दर्ज किए हैं। सभी गवाह अचानक मौके पर पहुंचे थे, किसी ने भी घटना होते हुए नहीं देखी है। गवाह नसीम आरिफ, शारिक अली बरकाती और अकील अहमद भाजपा के सदस्य हैं और पार्टी के दबाव में आकर सपा विधायक को झूठा फंसाया गया है। अधिवक्ता ने बताया कि एफआईआर में जो गृहस्थी का सामान लिखा गया था वो तो मौके पर मिला ही नहीं।