बरेली: सब्जियों पर भीषण महंगाई ने हर घर को बनाया शबरी की रसोई

बरेली: सब्जियों पर भीषण महंगाई ने हर घर को बनाया शबरी की रसोई

बरेली, अमृत विचार। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 55 रुपये की चाय और 65 रुपये का टोस्ट बेचने वाली शबरी रसोई देश भर में चर्चाओं में है लेकिन यहां इस साल सब्जियों की महंगाई ने हर घर को शबरी की रसोई बना दिया है। 

शहर की मंडियों में ज्यादातर सब्जियां पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा भाव पर बिक रही हैं। सर्दियों में सबसे सस्ता बिकने वाला आलू का भाव भी लोगों के पसीने छुड़ा रहा है। गर्मियों में यह महंगाई किस ऊंचाई तक पहुंचेगी, यह आशंका अभी से डराने लगी है।

सब्जियों के भाव के लिहाज से सर्दी का मौसम लोगों के लिए राहत भरा रहता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। आलू, टमाटर, धनिया, मेथी, पालक, गोभी, मटर जैसी मौसमी सब्जियों पर इस कदर महंगाई चढ़ी है कि घरों का बजट बिगड़ने लगा है। सब्जी के थोक व्यापारियों के मुताबिक बरेली की मंडियों में सर्दी के मौसम में दूसरे राज्यों के साथ स्थानीय आवक भी बड़े पैमाने पर होती है लेकिन इस बार दोनों तरह की सब्जियों पर भाव चढ़े हुए हैं। मौसम से प्रभावित होने की वजह से स्थानीय आवक भी कम है। महाराष्ट्र, बंगाल समेत दूसरे राज्यों से डेलापीर थोक मंडी में रोज 30 से 35 गाड़ियां सब्जी और फल लेकर पहुंच रही हैं।

पिछले साल पांच रुपये किलो था आलू, इस बार दस, बाकी सब्जियों का भी यही हाल
शहर की फुटकर मंडियों में इस बार अब तक आलू का रेट 10 रुपये किलो से नीचे नहीं आया है जबकि सर्दी के पिछले सीजन में उसका भाव पांच से छह रुपये था। इसी तरह प्याज 30 से 40 रुपये किलो है, पिछले साल उसका भाव 10 से 15 रुपये ही था। टमाटर 20 रुपये किलो था जो इस बार 40 रुपये किलो बिक रहा है। पंद्रह से 20 रुपये किलो बिकी मटर इस बार 50 रुपये पहुंच गई है। 

पिछले साल इसी मौसम में सात से आठ रुपये किलो बिकी फूल गोभी का भी भाव 30 रुपये है। दस रुपये के बजाय पालक 30 रुपये किलो के भाव पर है। मेथी 60 रुपये है जबकि पिछली सर्दी में 20 रुपये का ही रेट था। पांच रुपये में मिलने वाली मूली की गड्डी भी 20 रुपये तक में मिल रही है। धनिया 10 रुपये किलो था जो इस बार 40 से 50 रुपये तक बिक रहा है।

सर्दी और पाले ने और बढ़ाई महंगाई
डेलापीर मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष शुजा उर रहमान के मुताबिक इस बार दूसरे राज्यों से आ रही सब्जियां तो महंगी हैं ही, आसपास के जिलों में सर्दी और पाले का भी सब्जियों पर असर पड़ा है। इस बार जिले में तापमान चार डिग्री तक जा चुका है। कोहरे का प्रकोप अब भी खत्म नहीं हुआ है। इस वजह से पड़ोसी जिलों से आने वाला आलू महंगा है। बाकी सब्जियों के दाम भी बढ़े हुए हैं।

बारिश न होने का भी असर
जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र चौधरी के मुताबिक इस बार 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच बारिश न होने का सब्जियों पर काफी असर पड़ा है। किसानों को भी भारी नुकसान की आशंका है। दिसंबर में बारिश होती तो जनवरी में सब्जियां सस्ती मिल जाती हैं लेकिन इस बार सर्दियों के बावजूद सब्जियों के भाव ज्यादा हैं।

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