बरेली: कुतुबखाना पुल- छत तैयार अब डामर सड़क का इंतजार, 15 फरवरी तक पुल शुरू करने का कर रहे दावा

बरेली, अमृत विचार: पिछले दिनों पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद की फटकार के बाद कुतुबखाना पुल निर्माण में तेजी आई है। अधिकारी 15 फरवरी तक पुल पर वाहनों की आवाजाही शुरू होने का दावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि अभी सर्दी की वजह से कुछ कार्य प्रभावित हैं। पुल पर डामर रोड बिछाने के लिए तापमान कम से कम 15 डिग्री सेल्सियस पहुंचने का इंतजार है।
पुल पर कंक्रीट समेत फिनिशिंग के अन्य कार्य कराए जा रहे हैं। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 111 करोड़ रुपये से 1280 मीटर लंबे कुतुबखाना पुल का निर्माण सितंबर 2022 में शुरू हुआ था। 31 दिसंबर 2023 तक यह काम पूरा करना था। 18 जनवरी को भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के कार्यक्रम में पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद संतोष गंगवार समेत कई जनप्रतिनिधियों और अफसरों के साथ पुल का निरीक्षण किया था।
उन्होंने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले हर हाल में 15 फरवरी तक काम पूरा करने के सेतु निगम के महाप्रबंधक केएन ओझा को निर्देश दिए थे। इसके बाद काम में तेजी आ गई है। डीपीएम अरुण कुमार का कहना है कि कार्यदायी संस्था ने छत डाल दी। 15 फरवरी तक पुल से यातायात शुरू कराने का भरोसा अधिकारियों को दिया है। पुल पर कंक्रीट व रेलिंग का काम चल रहा है।
हादसे रोकने को लगाये जा रहे व्यू कटर: शहामतगंज, किला और लालफाटक पुल की तरह कुतुबखाना पुल पर भी मांझे से होने वाले हादसों का रोकने के लिए व्यू कटर (फाइबर की दीवार) लगाई जाएगी। डीपीएम अरुण कुमार ने बताया कि व्यू कटर लगाने का काम शुरू हो चुका है। कार्यदायी संस्था के ठेकेदार को सख्त निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर सभी काम कराए जाएं।
15 फरवरी तक पुल शुरू करने का लक्ष्य है। 10 फरवरी तक पुल के दोनों तरफ चाइनीज मांझे से बचाव के लिए व्यू कटर लगाने का काम पूरा हो जाएगा। रैलिंग पर डेढ़ मीटर ऊंची फाइबर शीट लगाई जाएगी।
मस्जिद का अतिक्रमण बना मुसीबत: कार्यदायी संस्था के ठेकेदार का कहना है कि कोहाड़ापीर रोड पर मस्जिद का अतिक्रमण जल्दी हट गया होता तो पिलर पर स्लैब का काम कई दिन पहले पूरा हो जाता। पिलर संख्या 20-21 को आपस में जोड़ने के बाद यह 1,307 मीटर लंबा पुल बन जाएगा। स्लैब 15- 28 दिन में पक्की होगी। तब कंक्रीट और फिर डामर बिछाया जाएगा। डामर पड़ते ही सड़क पर वाहन दौड़ने लगेंगे।
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