अमरोहा : छुट्टा पशुओं के डर से सर्द रातों में खेतों की रखवाली कर रहे किसान, फसल बचाएं या जान

अमरोहा। इन दिनों भीषण ठंड की परवाह किए किसान परिजनों के साथ खुले आसमान में रातभर फसलों की रखवाली कर रहे हैं। खेतों में कब छुट्टा पशुओं का झुंड आकर फसल को बर्बाद कर दे...इसलिए अलाव जलाकर किसान रात में खेत में फसलों की रखवाली कर रहे हैं। छुट्टा पशु किसानों की रातों की नींद और दिन का चैन छीने हुए हैं। इनके आतंक से किसान परेशान हैं।
हालात यह है कि किसानों को कड़ाके की ठंड और रात में खूनपसीने की कमाई को छुट्टा पशुओं से बचाने को खेत में पहरा देना भारी पड़ रहा है। हाथ में लाठी व टार्च लेकर खेत पर डेरा जमाए हैं। इन किसानों की रात दर्दभरी है। इन दिनों रात के समय न्यूनतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस के नीचे आ जा रहा है। अलाव जलाकर सर्द रातें कट रही हैं। छुट्टा पशु रात में झुंड में आकर खेतों में फसलों को बर्बाद कर देते हैं। इन छुट्टा पशुओं का जिम्मेदार भी कोई इंतजाम नहीं करते। ये पीड़ा गंगेश्वरी ब्लाक के मुबारिजपुर के किसानों की है। रात को अमृत विचार की टीम ने गांव में पहुंचकर हकीकत को परखा। यहां गांव-गांव किसान कड़ाके की ठंड में फसलों की रखवाली करते मिले।
इन गांवों में रात में पहरा देतेमिले किसान
अमरोहा। गंगेश्वरी क्षेत्र के गांव दढ़ियाल, गुरैठा खादर, खरपड़ी, चचौरा, फूलपुर,पथरा, मिर्जापुर, मरौरा, खाजेपुर, देहरी खादर, करनपुर, हाजीपुर खादर, श्योरामपुर, सिरसा कला, सलारा, मुबारिजपुर, पौरारा, भाबली आदि गांवों में छुट्टा पशुओं की भरमार है। इन गांवों में किसान गेहूं, आलू, सरसों और मटर आदि की फसलों को बचाने के लिए पूरी-पूरी रात जागकर खेतों में पहरा दे रहे हैं। रात के 10 बजे गोवंशों को खेत से भगाने के लिए डुगडुगी की आवाज गूंज रही है। मुबारिजपुर के ग्रामीण लाठी-डंडों से लैस होकर खेत किनारे अलाव जलाकर बैठे मिले। उन्होंने बताया कि छुट्टा पशुओं से फसल बचाना मुश्किल है। मुबारिजपुर गांव में किसान करन सिंह चिरंजी की 15 बीघे लहटा की फसल छुट्टा गोवंशों ने बर्बाद कर दी है, फिर भी किसान लाठी व टार्च के साथ मुसीबत में फसलें बचाने की कोशिश में खेतों की रखवाली कर रहे हैं।
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