बरेली: शीतलहर से खेती-किसानी की बिगड़ रही सेहत, गेहूं, सरसों समेत कुछ फसलों को लाभ तो टमाटर, गोभी को नुकसान होने की आशंका

बरेली, अमृत विचार: ठंड की वजह से फसलें भी प्रभावित हो रही हैं। ठंड बढ़ने से गेहूं, चना, मटर, सरसों जैसी फसलों को लाभ होगा तो वहीं कई अन्य फसलों को नुकसान हो सकता है। जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र चौधरी ने बताया कि ठंड बढ़ने से गेहूं, मटर व सरसों का दाना बढ़ता है और उत्पादन बेहतर होता है।
हल्की बूंदाबांदी से भी विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। वहीं टमाटर, बैंगन, भिंडी, गोभी जैसी फसलें ठंड से प्रभावित होती हैं। बहेड़ी, नवाबगंज समेत कई जगह सब्जियों की पौध ठंड से काली पड़नी शुरू होने की जानकारी मिली। कुछ घरेलू उपायों के जरिये किसान फसल को ठंड में खराब होने से बचा सकते हैं। किसान पौधों को प्लास्टिक की चादर से ढक सकते हैं। पुआल से ढककर भी पौधों को बचाया जा सकता है।
पाला से फसल बचाने के लिए जारी की एडवाइजरी: उप कृषि निदेशक अभिनंदन सिंह ने बताया कि पाला पड़ने की आशंका होने पर किसान रात 10 बजे से पहले सिंचाई अवश्य करें। फसलों में सिंचाई रात के दूसरे तथा तीसरे प्रहर में नहीं करनी चाहिए।
उद्यान की फसलों में घुलनशील गंधक 80 प्रतिशत डब्ल्यूपी की दो से ढाई ग्राम मात्रा प्रति लीटर के हिसाब से 150 से 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ के हिसाब से फसल पर छिड़काव करना चाहिए।
इससे दो से ढाई डिग्री सेंटीग्रेड तक तापमान बढ़ने से काफी हद तक पाला से बचाया जा सकता है। पाला से सबसे अधिक नुकसान नर्सरी में होता है। यहां रात में पौधों को प्लास्टिक की चादर से ढंक दें। ऐसा करने से प्लास्टिक के अंदर का तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाता है जिसके कारण तापमान जमाव बिंदु तक नहीं पहुंचता है।
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