शाहजहांपुर को इंदौर बनाने के सपने को लगा करारा झटका रैंकिंग 109 गिरी, 181वीं पाकर फिसड्डी शहरों में हुआ शामिल

बीते चार साल में इस बार सबसे ज्यादा गिरी रैंकिंग

शाहजहांपुर को इंदौर बनाने के सपने को लगा करारा झटका रैंकिंग 109 गिरी, 181वीं पाकर फिसड्डी शहरों में हुआ शामिल

शाहजहांपुर,अमृत विचार: स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के परिणाम बृहस्पतिवार को जारी हो गए। इसमें शाहजहांपुर ने राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता की रैंकिंग में 181 वां स्थान प्राप्त किया है। इससे पहले वर्ष 2022 में 72वीं रैंकिंग पाकर महानगर टॉप 100 शहरों में शामिल हुआ था और टॉप टेन में आने का प्रयास कर रहा था। शाहजहांपुर को इंदौर बनाने का सपना देखा जा रहा था, लेकिन इस साल की रैंकिंग ने सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

शहर टॉप टेन में तो नहीं आ सका, लेकिन फिसड्डी शहरों की सूची में जरूर शामिल हो गया। बीते चार साल में ऐसा पहली बार है जब नगर निगम की रैंकिंग में इतनी जबरदस्त गिरावट आई है। बीते साल की अपेक्षा शहर 109 अंक नीचे खिसक गया है। शाहजहांपुर इस बार टॉप- 100 की सूची से भी बाहर हो गया है। इससे पहले साल 2022 में महानगर को देश में 72वां स्थान मिला था। 2020 में शाहजहांपुर देश में 107वें स्थान पर था।

साल 2018 में नगर निगम बनने के बाद पहली स्वच्छता रैंकिंग में शाहजहांपुर 308वें नंबर पर था। निगम अधिकारियों का कहना है कि महानगर के लोगों में स्वच्छता के प्रति लगातार जागरूकता बढ़ रही है। कहा जाता है कि व्यापारियों से लेकर आम व्यक्ति तक ने कचरा प्रबंधन का महत्व समझा है। लोगों ने सड़क पर न फेंककर कचरा कूड़ा गाड़ी में डालना शुरू किया है।

डोर टू डोर कचरा एकत्र करने के लिए नगर निगम ने प्रत्येक वार्ड में वाहन भेजे हैं। गीले और सूखे कचरे को डालने के लिए अलग-अलग डस्टबिन का इस्तेमाल किया जा रहा है। महानगर से निकलने वाले सभी कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है। इसके बाद भी महानगर रैंकिंग के मामले में गंदे शहरों में शामिल हो गया।

नगर आयुक्त के दावे को झटका: बीते वर्ष नगर आयुक्त ने कहा था कि अब हमारा लक्ष्य टॉप-10 में शामिल होना है। 72वीं रैंकिंग से गदगद नगर आयुक्त ने अगले साल टॉप-10 में आने का प्रयास करने की बात कही थी, लेकिल जब नतीजे आए तो सभी चौंक गए। इतना खराब प्रदर्शन क्यों हुआ इसके पीछे नगर निगम निर्माण कार्यों को वजह बता रहा है। अपर नगर आयुक्त एसके सिंह ने बताया कि सर्वे के समय हमारे महानगर में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य चल रहे थे। जिसके चलते रैंकिंग में गिरावट आई है।

कूड़ा निस्तारण में सबसे खराब प्रदर्शन: नगर निगम को घर-घर से कूड़ा उठाने में 67 प्रतिशत अंक मिले हैं। जबकि सोर्स सेग्रीगेशन में 54 प्रतिशत अंक हासिल हुए हैं। निगम का सबसे खराब प्रदर्शन कूड़ा प्रोसेसिंग में रहा, जहां शून्य प्रतिशत अंक निगम को हासिल हुए हैं। इसी तरह निगम को कूड़ेदानों से कूड़ा निवारण में 100 प्रतिशत, आवासीय क्षेत्र में सफाई को लेकर 56 प्रतिशत, बाजार में सफाई को लेकर 55 प्रतिशत, निकायों की सफाई को लेकर 100 प्रतिशत और सार्वजनिक शौचालय की सफाई के मामले में 89 प्रतिशत अंक मिले हैं।

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