विकास के नाम पर अयोध्या में चल रही संगठित लूट: पवन पांडेय
अयोध्या। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने भाजपा सरकार, ट्रस्ट महासचिव और जिला प्रशासन पर तीखा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि विकास कार्यों के नाम पर अयोध्या में संगठित लूट अंजाम दी जा रही है। पूर्व मंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव को अहंकारी बताते हुए शंकराचार्यों के छत्र और दंड लेकर आने पर रोक को उनका घोर अपमान बताया है।
रविवार को यहां पार्टी कार्यालय पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व मंत्री ने कहा कि भाजपा के कथित रामराज्य और श्रीराम की आड़ में संगठित लूट हो रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता और ट्रस्ट के लोग मर्यादा पुरुषोत्तम के चरित्र का वर्णन करते हैं लेकिन सीखते नहीं। उन्होंने कहा कि मांझा जमथरा के तीन हजार से अधिक परिवारों की भूमि जबरिया अधिग्रहित कर उचित मुआवजा नहीं दिया गया है।
कहा कि क्या खेती-किसानी करने वाले राम की प्रजा नहीं हैं, उन्हें भी सर्किल रेट बढ़ा कर छह गुना मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण और प्रशासन जिसे डूब क्षेत्र बता गरीबों को उजाड़ रहा है वहीं भाजपा के कई बड़े लोगों को नजूल मुक्त भूमि का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राम के नाम पर वोट लेने वाले सांसद विधायक आज बोलने की हैसियत में नहीं हैं। आरोप लगाया कि 14 और पंचकोसी परिक्रमा क्षेत्र में सड़क, रामपथ निर्माण में जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बड़ी रकम कमाई है। उन्होंने कहा कि मैं जिला अधिकारी से मांग करता हूं कि सपा प्रतिनिधि मंडल को प्रधानमंत्री से मुलाकात का समय दिया जाए, अयोध्या में लूट को प्रमाण के साथ रखा जाएगा।
सपा प्रवक्ता ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट महासचिव को पिता तुल्य मानते हुए आदर करते हैं लेकिन उन्हें अंहकार से बाहर आना चाहिए। पूर्व मंत्री ने कहा कि शंकराचार्यों को छत्र व दंड लेकर आने से रोकना न केवल उनका अपमान है बल्कि अयोध्या के लिए शर्मनाक भी। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह अयोध्या वासियों की ओर से क्षमा मांगते हैं।
उन्होंने कहा कि एक चैनल में ट्रस्ट महासचिव का बयान सामने आया कि विपक्ष के लोग शांत रहे तो उन्हें भी प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित किया जाएगा। पूर्व मंत्री ने सवाल किया कि आडवाणी और जोशी को निमंत्रण देकर मना करने वाले ट्रस्ट महासचिव किस तरह से मर्यादा की परिभाषा गढ़ते हैं?।
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