हिमाचल प्रदेश: जनजातीय दर्जा कानून लागू करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हाटी समुदाय के युवा
नाहन (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिले के पांवटा उपमंडल के सातौन गांव में हाटी आदिवासी समुदाय के दर्जे से संबंधित कानून लागू करने की मांग कर रहे युवाओं का एक समूह भूख हड़ताल पर बैठ गया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक, सातौन नव युवक मंडल के कुछ सदस्यों ने रविवार को विरोध मार्च निकाला और 24 घंटे की भूख हड़ताल शुरू कर दी।
सिरमौर जिले के ट्रांसगिरि क्षेत्र की 154 पंचायतों में हाटी समुदाय के लगभग तीन लाख लोग संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2023 को लागू करने की मांग को लेकर पिछले चार महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह कानून हाटी समुदाय के लोगों को अनुसूचित जनजातियों को प्रदान किए जाने वाले सभी लाभों, विशेष रूप से शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण के हकदार होने की अनुमति देता है।
सातौन नव युवक मंडल के सैकड़ों स्वयंसेवक गांव में इकट्ठे हुए और हाटी समुदाय के लिए आदिवासी दर्जा कानून लागू न करने पर उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए। संसद द्वारा संवैधानिक संशोधन अधिनियम पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा चार अगस्त को कानून के लिए गजट अधिसूचना जारी की गई थी। युवाओं ने राज्य सरकार को कानून शीघ्र लागू नहीं करने पर आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी।
हाटी समुदाय के संगठन के अध्यक्ष तरुण शर्मा ने पीटीआई-भाषा को सोमवार को बताया कि राज्य और केंद्र सरकारों ने 12,000 से अधिक रिक्तियों का विज्ञापन दिया है, लेकिन जनजातीय प्रमाणपत्र नहीं होने के कारण हाटी युवा जनजातीय कोटा के तहत इन पदों के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के रवैये और आदिवासी प्रमाणपत्र जारी नहीं किए जाने से हाटी समुदाय के युवा नाराज हैं। तरुण शर्मा ने कहा कि विरोध में 20 युवा भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
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