पीलीभीत: 6000 की आबादी को पानी संकट से आखिर मिली राहत, बदलवाईं गई मोटरें

डीएम से जब नहीं मिल सकी मरम्मत को स्वीकृति तो राज्य वित्त से करवाया गया काम

पीलीभीत: 6000 की आबादी को पानी संकट से आखिर मिली राहत, बदलवाईं गई मोटरें

पीलीभीत, अमृत विचार। पांच दिन पहले हाईवोल्टेज की वजह से फुंकी दो पंप हाउसों की मोटर की मरम्मत की पत्रावली को डीएम स्तर से स्वीकृति नहीं मिल सकी थी। समस्या को देखते हुए नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. आस्था अग्रवाल ने राज्य वित्त के बजट से फुंकी हुई मोटर को बदलवाने का निर्णय लिया।

अनुमति मिलने के बाद जल कल की टीम ने फुंकी हुई मोटरों को निकालने के बाद नई मोटर फिट करना शुरु कर दिया है। बुधवार तक ठप पड़ी पेयजल व्यवस्था को चालू कर दिया जाएगा। जिसके बाद शहरवासियों के  सामने बनी पानी की दिक्कत दूर हो सकेगी।

बता दें कि शहर के  वार्ड नंबर 18 में स्थित मोहल्ला तखान और नगरपालिका परिसर के पंप हाउस नंबर दो में लगी मोटर शुक्रवार को  हाईवोल्टेज आने की वजह से फुंक गई थी। मोटर बंद होने से पंप नंबर दो के अंतर्गत आने वाली सिविल लाइन नॉर्थ,  निरंजन कुंज कॉलोनी, सुरभि कॉलोनी, छतरी चौराहा, राजाबाग कॉलोनी, बल्लभनगर कॉलोनी, स्टेशन रोड समेत आसपास के इलाकों की पानी सप्लाई बाधित हो गई थी।

वहीं मोहल्ला तखान के नलकूप से तखान, लकड़ी मंडी, सरफराज खां, बाग गुलशेर खां, पकड़िया, बेनी चौधरी, कोतवाली रोड समेत आसपास के इलाके का पानी बंद हो गया। इन इलाकों में करीब छह हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हो रही थी। उन्हें पानी की  सप्लाई नहीं मिल पा रही।

नगरपालिका ने बजट के अभाव में इन मोटरों को बदलवाने और अन्य कार्य 15वें वित्त आयोग से कराने के लिए 1.75 करोड़ का डीपीआर बनाकर भेजा था। मगर फाइल डीएम की टेबल पर पहुंचने के बाद निरस्त हो गई। शहरवासियों की इस समस्या को लेकर अमृत विचार समाचार पत्र में प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। जिसके बाद नगरपालिका चेयरमैन डॉ. आस्था अग्रवाल ने समस्या का संज्ञान लिया।

फाइल निरस्त होने की जानकारी मिलने के बाद नगरपालिका के अफसर और चेयरमैन ने मंथन किया। पानी को लेकर लोग लगातार शिकायतें दर्ज करा रहे थे। ऐसे में चेयरमैन ने राज्य वित्त आयोग से मोटर बदलवाने का निर्णय लिया। हालांकि राज्य वित्त आयोग की धनराशि पालिका को कर्मचारियों के वेतन के लिए देय होती है, मगर अन्य मदों में बजट न होने के कारण राज्य वित्त आयोग की धनराशि से एक तरह का ऋण लेकर नई मोटर खरीदने की प्रक्रिया को अमल में लाया गया।

जिनका कुटेशन पर बिल बनाकर भुगतान निकाला जाएगा। चेयरमैन के आदेश पर जलकल प्रभारी ने मंगलवार को नई मोटर खरीदने के बाद उन्हें बदलवाने का काम शुरु करा दिया गया है। देर शाम तक नगरपालिका की मोटर को फिट कर दिया गया है।

सात लाख रुपये की लागत से बदली गई मोटरें
पेयजल आपूर्ति के लिए पंप हाउसों में लगी मोटर की कीमत साढ़े तीन लाख रुपये की लागत की है। जिसके लिए नगरपालिका की ओर से सात लाख रुपये खर्च कर इन मोटरों को बदलवाया गया है। हालांकि चेयरमैन डॉ. आस्था ने निर्देश दिए है कि मोटर उच्च क्वॉलिटी की होनी चाहिए। बार-बार मोटर खराब नहीं होनी चाहिए। मोटर लगने के बाद उसका सत्यापन भी कराया जाएगा।

यह भी पढ़ें- पीलीभीत: नगर पालिका की टीम से भिड़ गए व्यापारी, पुलिस की मदद से हटवाईं दुकानें