Anupam Dubey News: CID ऑफिसर की हत्या करने वाले बिलैया ने इंस्पेक्टर पर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर उतारा था मौत के घाट
बिलैया को पुलिस का बिल्कुल भी खौफ नहीं था।
चलती ट्रेन में बिल्कुल फिल्मी अंदाज में सीआईडी इंस्पेक्टर की हत्या करने वाला बिलैया इतना खतरनाक था कि पुलिस भी उससे खौफ खाती थी। इंस्पेक्टर की हत्या के बाद तत्कालीन सरकार हिल गई थी।
फर्रुखाबाद, अमृत विचार। चलती ट्रेन में बिल्कुल फिल्मी अंदाज में सीआईडी इंस्पेक्टर की हत्या करने वाला बिलैया इतना खतरनाक था कि पुलिस भी उससे खौफ खाती थी। इंस्पेक्टर की हत्या के बाद तत्कालीन सरकार हिल गई थी।
उस दिन इंस्पेक्टर फर्रुखाबाद से ट्रेन से कानपुर लौट रहे थे। तभी उनकी हत्या कर दी गई थी। जांच के दौरान पुलिस को पता लगा था कि बिलैया अपनी टीम के साथ फर्रुखाबाद से ट्रेन के समानांतर जीप से उनके पीछे लग गया था। दरअसल वह फर्रुखाबाद में ही इंस्पेक्टर को खत्म करने की फिराक में था पर मौका नहीं मिल सका था। ट्रेन कई स्टेशनों पर रुकती हुई कानपुर के अनवरगंज स्टेशन तक आई थी।
जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर पहुंचने वाली थी, यात्रियों की भीड़ के बीच बिलैया साथियों सहित पहुंचा और गोलियां इंस्पेक्टर पर झोंक दी। इंस्पेक्टर खिड़की के पास अपनी सीट पर बैठे ही रह गए। उन्हें हिलने तक का मौका भी नहीं मिला। पूरे स्टेशन पर हड़कंप मच गया। ट्रेन का वह डिब्बा अलग कर ट्रेन रवाना कर दी गई। जीआरपी और पुलिस के बड़े अफसर मौके पर पहुंचे। समझ नहीं आ रहा था कि वारदात किसने की।
यह इंस्पेक्टर फर्रुखाबाद में बिलैया और उसके संपर्क के लोगों की जांच कर रहे थे। इस कारण उस गिरोह की आंखों की किरकिरी बन गए थे। इंस्पेक्टर हत्याकांड का मामला सीआईडी को सौपा गया और फिर पता लगा कि हत्या बिलैया ने की और इसमें अनुपम दुबे सहित औरों का भी हाथ है। तब यह भी सामने आया था कि राजनीतिक दबाव में कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
इसी बीच यह भी पता लगा कि बिलैया का संपर्क पूर्वांचल के कुख्यात माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला से भी था। बाद में श्रीप्रकाश गाजियाबाद में मुठभेड़ में मारा गया और बिलैया फर्रुखाबाद में ढेर कर दिया गया। इसके बाद इंस्पेक्टर हत्याकांड की फाइल तेजी से दौड़ने लगी।
बिलैया ने पत्रकार को दी थी धमकी
इंस्पेक्टर हत्याकांड की रिपोर्टिंग करने वाले कानपुर के एक पत्रकार को बिलैया ने धमकी दी थी। उन्हें सीआईडी सूत्रों से जानकारी मिली कि इस हत्याकांड में बिलैया की बड़ी भूमिका है, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है। इसपर पत्रकार ने खबर बनाई जिसकी हेडिंग थी, कानून के हाथ से लंबे हैं बिलैया के खूनी पंजे...।
इस खबर से बौखलाए बिलैया ने किसी के जरिये पत्रकार के मामा के घर संदेश भिजवाया कि समझा लो, अब वह जिंदा नहीं बचेगा। एक पत्रकार को निपटा चुका हूं। बिलैया ने अखबार के फर्रुखाबाद कार्यालय में भी जमकर बवाल किया था। वहां के संवाददाता ने यह कहकर पीछा छुड़ाया कि खबर कानपुर से लिखी गई है। यह बात पत्रकार ने तब के डीआईजी लालता प्रसाद मिश्र से बताई। उन्होंने सुरक्षा देने की बात कही थी।
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