हल्द्वानी: साढ़ू के बाप को मारना था, अंधेरे में मार डाला साढ़ू

हल्द्वानी: साढ़ू के बाप को मारना था, अंधेरे में मार डाला साढ़ू

हल्द्वानी, अमृत विचार। रामपुर रोड पर कत्था फैक्ट्री के बाहर हुए ब्लाइंड अमित हत्याकांड का चौंकाने वाला खुलासा हुआ। हत्या करने वाला कोई नहीं बल्कि अमित का ही साढ़ू अरुण था। अरुण, अमित के पिता सुमेर की हत्या करना चाहता था, लेकिन अंधेरे में उसने अपने ही साढ़ू अमित को पाटल से काटकर मौत के घाट उतार दिया। 26 नवंबर से फरार चल रहे अरुण को पुलिस ने मय आलाकत्ल गिरफ्तार कर लिया है। 

पुलिस बहुउद्देशीय भवन में मामले का खुलासा करते एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि कत्था फैक्ट्री के पास रहने वाले सुमेर कश्यप कत्था फैक्ट्री के बाहर खाने का ठेला लगाते थे। घटना के रोज वह बेटे अमित (30 वर्ष) को ठेले की जिम्मेदारी सौंप कर किसी काम से चले गए थे। तभी अचानक बिजली चली गई और पीछे से आए एक व्यक्ति ने अमित के सिर, चेहरे और गर्दन पर पाटल से कई वारकर मौत के घाट उतार दिया।

पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो पता लगा कि घटना के रोज ही अमित के घर के पास देवबंधु विहार कत्था फैक्ट्री में किराए पर रहने वाला अरुण कश्यप पुत्र गोपाल कश्यप गायब है, लेकिन घटना स्थल के पास लगे सीसीटीवी में भागते दिख रहे आरोपी की अरुण से पहचान नहीं हो सकी। तलाश में जुटी उत्तराखंड में कई जिलों की खाक छानी। अंत में मूलरूप से पीलीभीत उत्तर प्रदेश के रहने वाले अरुण को डी क्लास तल्ली हल्द्वानी स्थित हनुमान मंदिर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने घटना में इस्तेमाल पाटल भी बरामद कर लिया। 

पूछताछ में हत्यारोपी अरुण ने बताया कि वह मृतक अमित के पिता सुमेर से बदला लेना चाहता था। वह उसे अपने पिता के लापता होने और भाई की मौत का जिम्मेदार मानता है। आरोपी की पत्नी मृतक की सगी साली है और उसकी पत्नी का मृतक के घर आना जाना है। वह अपनी पत्नी और मृतक पर शक भी करता था। आरोपी को डर था कि मृतक का पिता उसकी हत्या कर सकता है। इसलिये आरोपी ने सुमेर को ही रास्ते से हटाने की योजना बना डाली। योजना के तहत उसने घटना को अंजाम भी दे डाला, लेकिन अंधेरे की वजह से सुमेर के बजाय सुमेर के बेटे और अपने साढ़ू अमित की हत्या कर दी। 

गुडवर्क करने वाली टीम को मिला इनाम
हल्द्वानी : एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने गुडवर्क करने वाली टीम को ढाई हजार रुपये इनाम की घोषणा की है। टीम में कोतवाल हरेंद्र चौधरी, एसएसआई महेंद्र प्रसाद, टीपीनगर चौकी प्रभारी सुशील जोशी, मंडी चौकी प्रभारी विजय मेहता, मंगलपड़ाव चौकी प्रभारी जगदीप नेगी, राजपुरा चौकी प्रभारी नरेंद्र कुमार, गन्ना सेंटर चौकी प्रभारी त्रिभुवन सिंह, एसआई बबिता, कां.तारा सिंह, नवीन राणा, बंशीधर जोशी, धनश्याम रौतेला, टेक्निकल टीम में हे.कां.इसरार नबी, राजेश सिंह व अनिल टम्टा थे। 

तीन दिन पता लगा, गलत आदमी मार दिया
हल्द्वानी : घटना को अंजाम देने के बाद अरुण निशान शोरूम के बगल वाली उसी गली में भागा, जहां वो पत्नी के साथ किराए पर रहता था, लेकिन वह घर नहीं गया। मोबाइल स्विच ऑफ करने के बाद जंगल के रास्ते वह अपने रिश्तेदारों के घर पहुंच गया। वह किच्छा में भी एक रिश्तेदार के घर गया। चूंकि मोबाइल बंद था तो उसे कुछ पता नहीं लगा। रिश्तेदार ने अमित की हत्या की बात अरुण को बताई तो वह सन्न रह गया। उसे अफसोस हुआ कि जिसे मारने के लिए वह गया था, उसकी बजाय उसके बेटे की हत्या कर दी। 

मंगलपड़ाव से 250 में खरीदा था पाटल
हल्द्वानी : अरुण को लगता था कि साढ़ू के पिता सुमेर की वजह से उसका अपना परिवार खत्म हो गया और दांपत्य जीवन भी खराब हो गया। इसी खुन्नस में वह सुमेर को मार डालना चाहता था। बताया जाता है कि 26 नवंबर की सुबह ही अरुण ने अचानक हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम तक पहुंचाने में जुट गया। वह मंगलपड़ाव पहुंचा और 250 रुपये का नया पाटल खरीद लाया। पाटल खरीदते हुए मिली सीसीटीवी फुटेज को पुलिस अहम सुबूत मान रही है। उसने सुबह से शराब पीनी शुरू की और शाम ढलते ही हत्या कर दी।