महज 13 मीटर दूर हैं श्रमिक, सुरंग में फंसे मशीन कटर निकालने का काम शुरू
सिलक्यारा/देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव ऑपरेशन लगातार जारी है। इस संबंध में रविवार को अस्थाई मीडिया सेंटर, सिलक्यारा में प्रेस ब्रीफिंग करते हुए उत्तराखंड शासन के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि पाइप में फंसे ऑगर मशीन की ब्लेड एवं साफ्ट को काटने का कार्य जारी है।
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इसके लिए लेजर कटर एवं प्लाज्मा कटर को भी मंगाया गया है जो सिलक्यारा पहुंच चुका है। उन्होंने बताया अब केवल 13 मीटर के हिस्से को निकाला जाना बाकी है। डॉ. खैरवाल ने बताया कि पाइप में फंसे ऑगर बिट को निकाले जाने के उपरांत, आगे की माइनिंग का कार्य मैन्युअल रूप से किया जाएगा। जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि अंदर फंसे सभी श्रमिक सकुशल हैं।
सभी श्रमिक हिम्मत बनाए हुए हैं। श्रमिकों से संवाद हेतु बीएसएनएल की मदद से अतिरिक्त कम्युनिकेशन सेटअप तैयार किया गया है। श्रमिकों को पर्याप्त मात्रा में भोजन, एवं अन्य आवश्यक सामग्री मौजूद है। फंसे श्रमिकों का निरंतर डॉक्टरो से संवाद करवाया जा रहा है। साथ ही मनोचिकित्सकों से भी निरंतर परामर्श करवाया जा रहा है।
अपर सचिव, केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, केंद्र सरकार एवं एम.डी, एनएचआईडीसीएल, महमूद अहमद ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में कई प्लानिंग पर एक साथ कार्य चल रहा है। जिसके तहत वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य आज शुरू कर लिया गया है। अब तक 15 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की गई है। उन्होंने बताया कि आरवीएनएल द्वारा भी परपेंडिकुलर होरिजेंटल ड्रिलिंग का कार्य शुरू किया गया है।
इसके लिए सभी मशीनें पहुंच चुकी हैं। परपेंडिकुलर होरिजेंटल ड्रिलिंग हेतु कंक्रीट बेड बनाए जाने का कार्य जारी है। अहमद ने बताया कि ड्रिफ्ट टनल बनाने के विकल्प पर भी कार्य शुरू किया गया है। ड्रिफ्ट टनल का डिजाइन तय कर फ्रेम के फेब्रिकेशन का कार्य शुरू कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि टीएचडीसी ने भी बड़कोट साइड से टनल का निर्माण शुरू कर दिया है, जिसमें अब तक चार ब्लास्ट कर 10 मीटर का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। ब्लास्टिंग में विशेष सावधानी बरती जा रही हैं। इस दौरान राज्य के सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी भी मौजूद थे।
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