लखनऊ: संविधान दिवस पर प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित, 100 से अधिक छात्र-छात्राओं को किया गया सम्मानित

लखनऊ: संविधान दिवस पर प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित, 100 से अधिक छात्र-छात्राओं को किया गया सम्मानित

लखनऊ, अमृत विचार। दार पर है रोटियां और भूख पर प्रतिबंध है, बेकसों का क्या भला अधिकार से सब बंद है, जो गुलामों से भी बद्तर जी रहे हैं जिंदगी, सच यही है उनके खातिर जिंदगी अनुबंध हैं। यह पंक्तियां कन सेवा समिति के संरक्षक आरपी सिंह ने रविवार को संविधान दिवस के अवसर पर सहकारिता भवन में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह के दौरान कहीं।

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कन सेवा समिति की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में करीब 110 प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित भी किया गया। आरपी. सिंह ने बताया कि बहुत से लोगों ने लिखा कि जिंदगी फूलों की सेज और कांटों का ताज है, लेकिन मेरा यह मानना है कि जिंदगी एक अनुबंध है। जिसमें न चाहते हुये भी समाज के थोपे गये धार्मिक,आर्थिक और सामाजिक नियम और कानूनों को मानना पड़ता हैं। इसलिए जिंदगी एक अनुबंध है।

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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे अशोक निर्वाण ने कहा कि आज के ही दिन बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने साल 1949 में भारतीय संविधान राष्ट्र को सौंपा था, आज उसी संविधान पर देश चल रहा है। जब तक इस देश में यह संविधान चल रहा है। तब तक इस देश पर कोई आक्रमण नहीं कर सकता। इसलिए हम कहते हैं कि जय संविधान।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यदि जिस परिवार की नारी शक्ति शिक्षित हो जायेगी, तो उस परिवार को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से मजबूत होने से कोई रोक नहीं सकता है। इसलिए सबसे पहले हमें महिलाओं को शिक्षा के लिए जागरुक करना है। 

इस मौके पर कन सेवा समिति के अध्यक्ष राकेश सोनकर ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी शिक्षा को जीवन का मुख्य उद्देश्य मानते हुये बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के पदचिन्हों पर चलने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने बताया कि जीवन में बिना शिक्षा के तरक्की नहीं आ सकती।

इसलिए सबसे जरूरी शिक्षा है। ऐसे में आज के दिन उन बच्चों को सम्मानित किया जा रहा है। जिन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में अच्छे नंबर हासिल किये हैं। उन्हें सम्मानित कर उनका मनोबल बढ़ा रहे हैं। जिससे वह जीवन में तरक्की कर सकें।

प्रतिभा सम्मान समारोह में प्रदेश के बहराइच, अयोध्या, रायबरेली समेत कई जिलों से पहुंचे छात्र-छात्राओं भूमि सोनकर, नितिन सोनकर, महिमा सोनकर और दिव्या सोनकर ने अमृत विचार से बात की। साथ ही उन्होंने आगे चलकर देश, समाज की सुरक्षा और समृद्धि के लिए काम करने की इच्छा जताई है।

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