बरेली: जीआईएस सर्वे पर प्रश्नचिह्न- निगम को आवासीय टैक्स, मगर मौके पर हैं दुकानें, जोन -2 में राजस्व के साथ हो रहा खिलवाड़

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
On

राजस्व निरीक्षक और टीसी के निरीक्षण पर भी सवाल

बरेली, अमृत विचार : नगर निगम में जीआईएस एजेंसी अपना सर्वे पूरा होने का दावा कर रही है। नगर आयुक्त भी बकाया टैक्स वसूली बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं, टैक्स विभाग के अफसर भी टैक्स लाने को जी जान से जुटे हैं लेकिन अब भी कई मामले ऐसे हैं, जहां टैक्स चोरी की जा रही है। संपत्ति के फिर से कर निर्धारण नहीं होने से निगम को कम टैक्स मिल रहा है।

बड़ा बाजार में दर्जी चौक मोहल्ले में संपत्ति आईडी 036305 है। लगभग 500 गज में बने इस भवन में ऊपरी दो मंजिल में मकान मालिक रहते हैं, जबकि नीचे 30 से अधिक दुकान और गोदाम हैं। व्यापारियों ने गोदाम भी किराये पर ले रखे हैं। यह मिश्रित संपत्ति है। इसका वार्षिक मूल्यांकन 142065 रुपये है। 2018 से इस भवन पर छह लाख 98 हजार 453 रुपये का बकाया था। 2023 तक भवन मालिक की ओर से 3.50 लाख रुपये ही जमा किए गए। अब भी भवन पर 3 लाख 48 हजार रुपया बकाया है।

नगर निगम के जोन- 2 के इस मोहल्ले में इस भवन के नीचे बनी दुकानों को मार्केट का नाम दिया गया है। मार्केट में दुकानदारों से हर साल कामर्शियल टैक्स भी वसूला जाता है। यह वसूली भवन मालिक की ओर से की जाती है। उसकी रसीद भी दुकानदारों को दी जाती है। 2020 में मालिक ने तीन दुकानों से तीन साल के टैक्स के रूप में 7500 रुपये वसूले, लेकिन उसे नगर निगम में जमा नहीं किया।

2023 में नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स ने वसूली बढ़ाने को टैक्स अफसर और कर्मचारियों के पेच कसे तो कर्मचारियों ने भवन मालिक पर दबाव बनाया। इस पर 4 से 13 फरवरी के बीच ढाई लाख रुपये जमा किए गए।

जानकार बताते हैं कि वार्षिक मूल्यांकन राशि के आधार पर टैक्स की जो गणना की गई थी, उसी के अनुसार मौजूदा समय में टैक्स भरा जा रहा है, जबकि मौजूदा समय निर्धारण करने से टैक्स राशि में वृद्धि हो सकती है, जबकि शहर में जीआईएस सर्वे के बाद सभी संपत्तियों का कर निर्धारण होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन निगम के अभिलेखों में अब भी पुराने टैक्स के अनुसार ही वसूली हो रही है। राजस्व निरीक्षक, टीसी का अमला होने पर भी भवनों के टैक्स निर्धारण नहीं किया गया है। कहीं किसी संपत्ति का बिल बहुत ज्यादा आ रहा है तो कहीं कम।

ऐसा संज्ञान में नहीं आया है। आवासीय संपत्ति के नीचे दुकानें होने पर भी आवासीय टैक्स अब नहीं हो सकता है। फिर भी मामले को दिखवा लेंगे।- पीके मिश्रा, सीटीओ

ये भी पढ़ें - बरेली: ओटीएस- घर बैठे लोगों को मिल रही बकाया पर छूट की जानकारी

संबंधित समाचार