रुद्रपुर: किसानों को दिया जाएगा अंतरराज्यीय बाजार: चौटाला

रुद्रपुर, अमृत विचार। हरियाणा मंडी परिषद के अध्यक्ष आदित्य देवीलाल चौटाला ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम देने के लिए अंतरराज्यीय बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। इससे किसान एक राज्य से दूसरे राज्य में आसानी से अपनी उपज को बेच सकते हैं। इसके अलावा राज्य में मंडियों के गोदाम को प्रयोग कर सकते हैं।
गुरुवार को यह बात हरियाणा मंडी परिषद के अध्यक्ष चौटाला ने नैनीताल में कैंची मंदिर के दर्शन और हल्द्वानी मंडी में निरीक्षण के बाद उत्तराखंड मंडी परिषद में पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि पहले किसान अपनी उपज को बेचने के लिए राज्य तक ही सीमित रहता था। अब उन्हें अंतरराज्यीय बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। विगत दिनों चंडीगढ़ के पंचकूला में इसको लेकर मंडी परिषद के अध्यक्षों की एक बैठक भी आयोजित हुई। इसमें गहन मंथन भी हुआ था।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में चावल, गेहूं के साथ ही गोभी, बंद गोभी, सफेदा अमरूद, किन्नू आदि की पैदावार अधिक होती है। इसी तरह उत्तराखंड में मोटे अनाज का उत्पादन अधिक होता है। इसी तरह अन्य राज्यों में अलग-अलग उपज होती है। उन्होंने कहा कि किसानों को अंतरराज्यीय बाजार मिलने से यह उपज आसानी से एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंच जाएगी। साथ ही किसानों को उपज का सही दाम भी मिलेगा। इससे किसान अपनी परंपरागत खेती को भी नहीं छोड़ेंगे। इस अवसर पर मंडी परिषद के एमडी आशीष भटगांई, महाप्रबंधक(प्रशासन) निर्मला बिष्ट आदि मौजूद रहे।
उत्तराखंड मंडी की तर्ज पर हरियाणा मंडी में खोलेंगे बैंक और लागू करेंगे स्कॉलरशिप
रुद्रपुर। हरियाणा मंडी परिषद के अध्यक्ष चौटाला ने कहा कि उन्होंने हल्द्वानी मंडी का भ्रमण किया। इस दौरान उन्हें मंडी परिसर में बैंक खुले हुए मिले। जो किसानों के लिए काफी मददगार साबित हो रहे हैं। ऐसे ही बैंक वे हरियाणा मंडी भी खालेंगे। ताकि मंडी में किसानों को इसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके। इसके अलावा किसानों के बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए मंडी परिषद की तरह 1500 रुपये की स्कॉलरशिप भी शुरू कराई जाएगी।
मिलेट्स के क्षेत्र में आएगी नई क्रांति: डब्बू
रुद्रपुर। उत्तराखंड मंडी परिषद के अध्यक्ष डॉ. अनिल कपूर डब्बू ने कहा कि पहाड़ के मिलेट्स काफी स्वास्थ्य वर्धक हैं। विगत वर्ष मंडी ने मोटा अनाज खरीदा लेकिन उसे सही बाजार नहीं मिल पाया, लेकिन इस बार किसानों को अंतरराज्यीय बाजार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। इससे मिलेट्स के क्षेत्र में नई क्रांति आयेगी। साथ ही पहाड़ से पलायन भी रूकेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कई लोग दिल्ली और अन्य शहरों से पहाड़ में वापस आये हैं। वे पहाड़ में कीवी और सेब का उत्पादन कर 8 से 10 लाख रुपया प्रतिमाह कमा रहे हैं।