शाहजहांपुर: कैसे पकड़ेंगे छुट्टा पशु, छह निकायों ने वाहन ही नहीं खरीदे
अधूरी तैयारियों के बीच शुरू हुआ बेसहारा पशु पकड़ने का अभियान, अभियान के तहत गोशाला भेजे जाने हैं बेसहारा पशु, जिले में लगाए गए हैं 22 पशु पकड़ने वाले वाहन, डीएम की अध्यक्षता में आज होगी बैठक
शाहजहांपुर, अमृत विचार: 60 दिन में सभी पशुओं को सड़कों से हटाकर गोशाला भेजने का अभियान खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। जिले के छह नगर निकाय और एक ब्लॉक ने अभी तक पशु पकड़ने के लिए वाहन ही नहीं खरीदे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यहां पशु कैसे पकड़े जाएंगे। डीएम की अध्यक्षता में आज होने वाली बैठक में इस विषय पर चर्चा होने की उम्मीद है।
जिले में छुट्टा पशुओं की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। साल दर साल यह समस्या जिले में बढ़ती जा रही है। इससे एक ओर पशुओं की जान को खतरा बना रहता है और दूसरी ओर इंसानों के लिए भी खतरा बना हुआ है। अब तक पशुओं से फसलों को बचाने के लिए लगाए गए तारों से कई किसानों की जान जा चुकी है।
लगातार नुकसान झेल रहे किसान खेतों को बचाने के लिए ब्लेड वाले तार का प्रयोग कर रहे हैं और इस तार से घायल होकर पशु असहनीय पीड़ा को सह रहे हैं। सालों से प्रशासन छुट्टा पशुओं की समस्या से छुटकारा दिलाने में लगा है, लेकिन समाधान अभी तक नहीं हो सका है। आए दिन जिले से पशुओं के हमले की सूचनाएं आ रही हैं।
लगातार विकराल होती इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए लोग छटपटा रहे हैं। आखिरी बार साल 2019 में जिले में पशु गणना की गई थी। उस दौरान 9862 कुल बेसहारा पशु जिले में थे। बीते दिनों पशुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी होने की सूचना पशु चिकित्सा विभाग को मिली। जिसके बाद इन्हें संरक्षित करने की प्रक्रिया शुरू की गई।
संरक्षित करने की प्रक्रिया के दौरान पता चला कि सरकारी आंकड़ों में भले ही 9862 बेसहारा पशु हों, लेकिन वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा है। पशुओं को सड़क से हटाने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से बीते दिनों अभियान चलाकर बेसहारा पशुओं को सड़क से हटाने के निर्देश दिए गए थे। इसी के क्रम में अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत दो दिन में 163 पशु पकड़े जा चुके हैं।
इन्होंने नहीं खरीदे वाहन: पशु चिकित्सा विभाग के अनुसार अब तक मिर्जापुर ब्लॉक ने बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए अपना वाहन नहीं खरीदा है। इसी तरह निगोही, खुदागंज, सिंधौली, कांट, अल्लाहगंज और कटरा नगर निकाय की ओर से वाहन नहीं खरीदा गया है।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यहां पशु कैसे पकड़े जाएंगे। यहां छुट्टा पशुओं को सड़कों को हटाने का अभियान सिर्फ खानापूर्ति बनकर रह जाएगा। बिना वाहन खरीदे यह अभियान यहां कैसे चल पाएगा यह बात समझ से परे है। ऐसे में जिले भर में अभियान चलाए जाने के दावे में दम नहीं लग रहा है।
सबसे पहले सड़कों से हटेंगे पशु: मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि अभियान के तहत जिले भर में छह हजार पशु पकड़े जाने का लक्ष्य है। सबसे पहले पशुओं के बैठने के स्थान चिह्नित किए जाएंगे। इसके बाद सड़क किनारे बैठे पशुओं को पकड़ा जाएगा। बाद में सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पशु पकड़े जाएंगे। विभाग का प्रयास होगा कि सभी पशुओं को सड़कों से हटाया जा सके।
आधी-अधूरी गोशालाएं बनेंगी पशुओं का सहारा: कलान सहित जिले के कई ब्लॉकों में अभी तक गोशालाएं पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हो सकी हैं। कुछ में काम चल रहा है और कुछ में सुविधाएं नहीं हैं। कुछ गोशालाओं में एक भी पशु नहीं है। यही हाल जिले में अन्य स्थानों पर बनी गोशालाओं का है। कई जगह गोशालाएं आधी-अधूरी पड़ी हैं। अब यही आधी-अधूरी गोशालाएं पशुओं का पूरा सहारा बनेंगी।
पशुओं को सड़कों से हटाकर गोशालाओं में पहुंचाने के लिए 60 दिन का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत अब तक 163 पशु पकड़े जा चुके हैं। कुछ नगर निकाय और एक ब्लॉक ने अभी तक पशु पकड़ने के लिए वाहन नहीं खरीदे हैं। इन्हें जल्द से जल्द वाहन खरीदने के लिए अधिकारियों की ओर से कहा गया है। पशु पकड़ने के अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए आज शुक्रवार को डीएम की अध्यक्षता में बैठक होगी।- डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।
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