बरेली: होम आईसोलेशन में हुई मौतों की जानकारी शासन को नहीं दी

बरेली,अमृत विचार। कोरोना संक्रमण काल में जिला स्तर पर जमकर आंकड़ेबाजी की जा रही है। यही कारण है कि कभी संक्रमितों की संख्या तो कभी मृत लोगों की जानकारी शासन से छिपाई जाती रही है। अब नया मामला होम आईसोलेट संक्रमितों की मौत का है। शहर में हुई किसी भी मौत की जानकारी शासन को …
बरेली,अमृत विचार। कोरोना संक्रमण काल में जिला स्तर पर जमकर आंकड़ेबाजी की जा रही है। यही कारण है कि कभी संक्रमितों की संख्या तो कभी मृत लोगों की जानकारी शासन से छिपाई जाती रही है। अब नया मामला होम आईसोलेट संक्रमितों की मौत का है। शहर में हुई किसी भी मौत की जानकारी शासन को नहीं दी गई है, और न ही मृत व्यक्ति का डेथ ऑडिट कराया गया। इससे संक्रमितों की मौत की वजह भी स्पष्ट नहीं हो सकी है।
केस एक
इज्जतनगर क्षेत्र के मंजू देवी 12 सितंबर को पॉजिटिव आई थी। इसके बाद परिजनों ने उन्हें होम आईसोलेट करवा लिया था। बीमार होने के बाद भी वह घर में ही रहीं। अचानक तबियत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी गई। शव वाहन भी भेजा गया, लेकिन इनकी मौत की जानकारी शासन को नहीं भेजी गई।
केस दो
बड़ा डाकखाना के पीछे आवास विकास कालोनी में रहने वाले जे पी वर्मा की मौत भी होम आईसोलेशन के दौरान हुई। इनके स्वजनों की ओर से भी विभाग को गुमराह किया गया। बाद में कोरोना के चलते उनकी मौत हो गई। विभाग को जानकारी मिली तो शव वाहन और पांच पीपीई किट भेज दीं, लेकिन बॉडी को अंतिम संस्कार लिए श्मशान भूमि तक पहुंचाने के लिए कोई कर्मी मौजूद नहीं था।
हर मौत में लापरवाही
शासन के निर्देश के बाद जिले में घर घर सर्वे कराया जा रहा है। इसमें सर्वे टीम घर घर जाकर लोगों से उनके घर के सदस्यों की जानकारी ले रही है। इसके बाद भी संक्रमित मिल रहे हैं और घरों में उनकी मौत हो रही है। हर मौत के बाद सर्वे टीम पर सवाल खड़े होते हैं कि सर्वे ठीक से नहीं किया गया।
दवा देने घर नहीं जा रही रैपिड रिस्पांस टीम
होम आईसोलेट संक्रमित के घर रैपिड रिस्पांस टीम पहुंच रही हैं। ऐसा दावा विभाग का है। बताते हैं कि आशा के साथ चिकित्सक भी रहते हैं और वह संक्रमित व्यक्ति के स्वजनों से बात कर उनकी स्थिति जानते हैं। लेकिन होम आइसोलेशन में हुई यह मौतें आरआरटी के कार्य पर प्रश्न चिन्ह लगा रही हैं।