हल्द्वानी: स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत पर हर साल 2 करोड़ खर्च, फिर भी वार्डों में अंधेरा 

हल्द्वानी: स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत पर हर साल 2 करोड़ खर्च, फिर भी वार्डों में अंधेरा 

गौरव तिवारी, अमृत विचार। नगर निगम हर साल स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत पर 2 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी नगर निगम के अधिकांश वार्डों में स्ट्रीट लाइट खराब होने के चलते अंधेरा छाया रहता है। स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत की जिम्मेदारी नगर निगम ने एक कंपनी को दे रखा है। इस कार्य के लिए नगर निगम ने कंपनी को 7 सालों का टेंडर आवंटित किया हुआ है।

नगर निगम में 60 वार्ड शामिल है, लेकिन अभी भी कई वार्डों में स्ट्रीट लाइट नहीं लग पाई हैं। कई बार इन वार्डों के स्थानीय पार्षद से लेकर आम जनता नगर निगम के जिम्मेदारों से गुहार लगा चुकी है। स्ट्रीट लाइट के लिए लेकिन अभी तक वार्ड 55 से लेकर वार्ड 60 तक में स्ट्रीट लाइटों को नहीं लगाया जा सका हैं।

इधर नगर निगम ने अभी तक शेष वार्डों में करीब 30 हजार स्ट्रीट लाइट लगाने का दावा कर रहा है, जिसकी मरम्मत के लिए हर साल नगर निगम 2 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी अधिकांश वार्डों में लगी स्ट्रीट लाइट खराब हो चुकी हैं। इसमें नगर निगम इलाके में शामिल सुभाषनगर, पॉलीशीट, आवास विकास, श्रमिक बस्ती व सेंट पाल समेत कई वार्डों में स्ट्रीट लाइन लगने बाद भी नहीं काम कर रही हैं।

जबकि नगर निगम स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत के नाम पर हर साल 2 करोड़ रुपये खर्च रहा है, इसके बाद भी जमीनी हकीकत कुछ और ही बया कर रही है। वार्ड निवासियों के मुताबिक वार्ड में स्ट्रीट लाइट लगने के 2 से 3 माह बाद भी खराब हो गई। रात के वक्त गलियो में अंधेरा छाया रहता है, जिसके चलते आने-जाने में दिक्कत बनी हुई है। 

निगम का कार्यकाल 5 सालों का और ठेका 7 सालों का 
नगर निगम का कार्यालय 5 सालों के लिए निर्धारित होता है, हर 5 वर्ष बाद निगम चुनाव होने के बाद नए कार्यकाल की स्थापना होती है, लेकिन यहां पर स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत के लिए कंपनी को 7 सालों का ठेका आवंटित किया गया है। इधर कंपनी प्राइवेट वेंडरों से मरम्मत का कार्य करवा रही है, जिसमें स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत के लिए 2 करोड़ रुपये का भुगतान निगम की ओर से कंपनी को किया जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी वार्डों में स्ट्रीट लाइटों की समस्या बनी हुई हैं। 

स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे है, लेकिन इसके बाद भी वार्डों में स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हुई हैं। वहीं वार्डों में जो भी स्ट्रीट लाइटे लगाई भी गई है वो गुणवक्ता पर खड़ी नहीं उतरी है। आए दिन स्ट्रीट लाइटे खराब हो रही है, जिसके चलते रात के अंधेरे में आम जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 
-रवि जोशी, पार्षद 

जिन वार्डों में स्ट्रीट लाइटे नहीं लग पाई उन जगहों पर लगाने के निर्देश दिए गए है, आने वाले दिनों में बचे हुए वार्डों में स्ट्रीट लाइट लग जाएगी। स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत के लिए कंपनी को ठेका दिया गया उसमें रखरखाव, मरम्मत, उपकरण सभी शामिल है। 
-पंकज उपाध्याय, नगर आयुक्त 

 

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