‘आप’ ने ‘अग्निवीर’ अमृतपाल सिंह की सैन्य अंत्येष्टि नहीं किए जाने को लेकर केंद्र पर साधा निशाना 

‘आप’ ने ‘अग्निवीर’ अमृतपाल सिंह की सैन्य अंत्येष्टि नहीं किए जाने को लेकर केंद्र पर साधा निशाना 

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने 11 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में मृत पाये गये ‘अग्निवीर’ अमृतपाल सिंह का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार नहीं करने के आरोप पर रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से सवाल किया। विपक्षी दलों ने शनिवार को इस मामले पर हैरानी जताई थी। सेना ने कहा कि क्योंकि सिंह की ‘‘खुद को मारी गई गोली’’ से मौत हुई है इसलिए मौजूदा नीति के अनुसार सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि नहीं की गई। 

‘आप’ के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सिंह का परिवार पेंशन का हकदार नहीं होगा क्योंकि उन्हें शहीद का दर्जा नहीं दिया जाएगा। पुंछ सेक्टर में सेना की जम्मू-कश्मीर राइफल्स इकाई की एक बटालियन में तैनात सिंह का शुक्रवार को पंजाब के मनसा जिले में उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। 

चड्ढा ने कहा, ‘‘सेना की कोई इकाई उनके शव को सौंपने नहीं आई। उनके शव को एक निजी एम्बुलेंस में लाया गया और उन्हें कोई सैन्य सम्मान नहीं दिया गया। लेकिन पुलिस ने उनके अंतिम संस्कार के दौरान उन्हें राजकीय सम्मान दिया।’’ उन्होंने कहा कि इससे भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की नीतियों पर ‘‘गंभीर सवाल उठता है’’। 

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार अमृतपाल सिंह के परिवार को सम्मान राशि के रूप में एक करोड़ रुपये की राशि देगी और उन्हें शहीद का दर्जा भी देगी। दुख की इस घड़ी में पंजाब सरकार उनके साथ है।’’ चड्ढा ने सशस्त्र बलों में अल्पकालिक भर्ती के लिए ‘अग्निवीर’ योजना पर केंद्र से सवाल किया। 

उन्होंने पूछा, ‘‘क्या सरकार जवानों और अग्निवीरों में अंतर करती है? उन अग्निवीरों का भविष्य क्या होगा जो ड्यूटी पर चार साल पूरे कर लेंगे। क्या केवल दुश्मन की गोली खाकर मर जाना ही शहादत माना जाता है? ड्यूटी पर रहते हुए किसी सैनिक की मृत्यु अन्य कारणों से या अन्य परिस्थितियों में हो सकती है। क्या सरकार के इस कृत्य से सेना के मनोबल पर असर नहीं पड़ेगा?’’ 

सेना की जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कमान ने शनिवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था, ‘‘एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, अग्निवीर अमृतपाल सिंह की राजौरी सेक्टर में संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को मारी गई गोली से मौत हो गई। अधिक जानकारी का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी जारी है।’’ सेना ने कहा था कि मौत का कारण खुद को पहुंचाई गई चोट पाए जाने के मद्देनजर, मौजूदा नीति के अनुसार कोई सलामी गारद नहीं दी गई या सैन्य अंत्येष्टि नहीं की गई। सेना ने पोस्ट में कहा था, ‘‘भारतीय सेना शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है।’’ 

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