वकील ने इमरान खान और महमूद कुरैशी की बंद कमरे में सुनवाई को बताया ‘असंवैधानिक’
इस्लामाबाद। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के वकील बैरिस्टर सलमान सफदर ने बुधवार को सिफर मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी की बंद कमरे में सुनवाई को ‘असंवैधानिक’ करार दिया। समाचारपत्र ‘डॉन’ के मुताबिक सफदर ने अदियाला जेल के बाहर मीडिया से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की, जहां विशेष अदालत ने सिफर मामले की सुनवाई की अध्यक्षता की। सिफर मामला एक राजनयिक दस्तावेज़ से संबंधित है जो खान के पास से गायब हो गया था।
पीटीआई का आरोप है कि इसमें पार्टी अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए अमेरिका की ओर से धमकी दी गई थी। तोशखाना भ्रष्टाचार मामले में एक अदालत द्वारा तीन साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद, खान को पांच अगस्त, 2023 को अटक जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। सजा के निलंबन के बाद यह सामने आया कि वह सिफर मामले में न्यायिक रिमांड पर थे। गत 26 सितंबर को, दोनों पीटीआई नेताओं की न्यायिक हिरासत 10 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के आदेश के अनुसार, पीटीआई प्रमुख को अटक जिला जेल से रावलपिंडी की अडियाला जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।
बाद में 30 सितंबर को एफआईए ने सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत स्थापित विशेष अदालत में एक चालान (चार्जशीट) पेश किया, जिसमें खान और कुरेशी को सिफर मामले में मुख्य आरोपी घोषित किया गया। इस सप्ताह की शुरुआत में पुलिस ने अदियाला जेल के आसपास विशिष्ट कमांडों को तैनात करके और अतिरिक्त सुरक्षा पिकेट स्थापित करके सुरक्षा बढ़ा दी थी। एक दिन पहले कानून एवं न्याय मंत्रालय ने सिफर मामले में पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री पर जेल में मुकदमा चलाने की अधिसूचना जारी की थी।
अधिसूचना में जज स्पेशल कोर्ट (आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम) के अनुरोध का हवाला दिया गया और कहा गया कि ‘कानून और न्याय प्रभाग को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत आरोपी के जेल मुकदमे पर ‘कोई आपत्ति नहीं’ है, जिसमें वह कैद है।’
पीटीआई ने पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ अदियाला जेल में मुकदमा चलाने की कानून मंत्रालय की अधिसूचना को खारिज कर दिया और इस बात पर जोर दिया कि मामले की सुनवाई खुली अदालत में की जाए। आज की सुनवाई से पहले खान के वकील नईम हैदर पंजुथा ने कहा कि कानूनी टीम को जल्द ही पार्टी प्रमुख से मिलना है। विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुअल हसनत ज़ुल्कारनैन ने अदियाला जेल में आज की सुनवाई की अध्यक्षता की, जहां खान और कुरैशी कैद हैं। इसके बाद दोनों राजनेताओं को अदालत में पेश किया गया, जहां मामले के चालान (चार्जशीट) की प्रतियां संदिग्धों के बीच वितरित की जानी थीं।
सफदर के अनुसार पीटीआई की कानूनी टीम ने अदालत से आज सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया क्योंकि एक प्रासंगिक याचिका इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के समक्ष भी लंबित थी। इसके बाद, सुनवाई नौ अक्टूबर को निर्धारित की गई और आरोप पत्र की प्रतियां आज संदिग्धों को वितरित नहीं की गईं। जेल के बाहर मीडिया से सफदर ने कहा, “इस मामले में इमरान की गिरफ्तारी और रिमांड को भी गुप्त रखा गया था और अब, इस मुकदमे को भी गुप्त रखा जा रहा है।” उन्होंने यह भी कहा,“मुकदमा बंद दरवाजों के पीछे नहीं होना चाहिए।” उन्होंने पारदर्शिता और मामले की खुली सुनवाई की मांग करते हुए कहा,“यह असंवैधानिक है। बंद कमरे में सुनवाई संविधान के अनुच्छेद 10ए (निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार) का उल्लंघन होगा।”
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