मुरादाबाद : नौ साल झेली प्रताड़ना, अब पांच लाख रुपए में हुआ समझौता

मुरादाबाद,अमृत विचार। नौ साल तक ससुरालियों की प्रताड़ना सहने के बाद आखिरकार विधवा रीता शर्मा को इंसाफ की उम्मीद नजर आने लगी है। जेठ उसे पैसे देने पर राजी हो गया है। हालांकि, जेठ ने उसे छह की जगह पांच लाख रुपए ही देने का भरोसा दिलाया है। मुगलपुरा थाना क्षेत्र के गुड़िया का मोहल्ला …
मुरादाबाद,अमृत विचार। नौ साल तक ससुरालियों की प्रताड़ना सहने के बाद आखिरकार विधवा रीता शर्मा को इंसाफ की उम्मीद नजर आने लगी है। जेठ उसे पैसे देने पर राजी हो गया है। हालांकि, जेठ ने उसे छह की जगह पांच लाख रुपए ही देने का भरोसा दिलाया है।
मुगलपुरा थाना क्षेत्र के गुड़िया का मोहल्ला निवासी रीता शर्मा के पति सुशील शर्मा का करीब नौ साल पहले निधन हो गया। रीता पर अपने दो बेटे सौरभ व नागेश को पालने की जिम्मेदारी आ गई। उम्मीद थी कि शायद इस मुश्किल वक्त में उसके ससुराली साथ देंगे लेकिन उसे यहां भी धोखा मिला। धोखा देने वाला उसका जेठ सुरेंद्र शर्मा था। जेठ सुरेंद्र शर्मा ने पैतृक मकान पर कब्जा करते हुए रीता को घर से बाहर निकाल दिया।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी रीता को इंसाफ नहीं मिला तो सोमवार को रीता अपने दोनों बेटे सौरभ व नागेश के साथ डीएम कार्यालय भीख मांगने बैठ गई। इसके बाद अफसरों ने उसकी सुध ली तो पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी उसे मुगलपुरा थाने ले गए। वहां जेठ सुरेंद्र शर्मा को भी बुलाया गया। सिटी मजिस्ट्रेट व सीओ सिटी की मौजूदगी में हुए समझौते में जेठ ने छह की बजाए केवल पांच लाख रुपए देने की बात कही। रीता के अनुसार, मजबूरी में उसने समझौता कर लिया है। जेठ ने तीस सितंबर तक रकम का नकद भुगतान करने का आश्वासन दिया है।
दूसरों के घरों में काम करके पाला बच्चों को
रीता के अनुसार, पति की मौत के बाद उसके जेठ ने उसे घर से निकाल दिया। किराए का मकान लेकर वह अपने दोनों बेटों को पालने लगी। दूसरों के घरों में काम करके किसी तरह से अपने दोनों बेटों को पाला। इस बीच कई बार उसने पति के पैतृक मकान में हिस्सा मांगा। पहले तो जेठ ने कोई सुनवाई नहीं की लेकिन जब कुछ लोगों ने रीता का समर्थन किया तो जेठ ने आश्वासन दिया कि रीता अपना हिस्सा उसके नाम कर दे, एवज में वह छह लाख रुपए देगा। बकौल रीता भरोसे में आकर उसने मकान जेठ के नाम कर दिया लेकिन बाद में वह मुकर गया।
समझौते के दौरान मौजूद मुगलपुरा थाने में तैनात पुलिसकर्मियों से शिकायत की तो वे भी मुकर गए। उन्होंने मामला कोर्ट का होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। बकौल रीता, एडीएम प्रशासन से शिकायत की तो उन्होंने सीओ सिटी को आदेश देते हुए दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई को कहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बकौल रीता सीओ सिटी ने तो यह कह दिया कि भीख मांगकर अपने मकान की रकम जुटाओ।